उत्तराखंड : Uttrakhand देहरादून ,चंपावत : Dehradun ,Champawat भारत को आजाद हुए 74 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी जातीय भेदभाव (Caste Discrimination) की नीति अपनाई जाती है। उत्तराखंड में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जहां सूखीढांग इंटर कॉलेज मिड डे मील ( Mid Day Meal ) बनाने वाली महिला के साथ […]
देहरादून ,चंपावत : Dehradun ,Champawat भारत को आजाद हुए 74 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी जातीय भेदभाव (Caste Discrimination) की नीति अपनाई जाती है। उत्तराखंड में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जहां सूखीढांग इंटर कॉलेज मिड डे मील ( Mid Day Meal ) बनाने वाली महिला के साथ अनुसूचित जाति (Dalit Women ) होने पर छात्रों ने उनके साथ भेदभाव किया । जिसके बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया।
चंपावत जिले के सरकारी स्कूल में होने वाली इस घटना में शामिल होने वाले अधिकतर छात्र सामान्य वर्ग से हैं जिनकी संख्या 40 प्रतिशत है जबकि अन्य 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति से हैं। जिसकी वजह से हंगामे ने ज्यादा तूल पकड़ लिया।
अनुसूचित जाति से संबंधित सुखीढांग इंटर कॉलेज (Sukhidhang inter College) में प्रबंधन ने पूर्व भोजन माता शकुन्तला देवी के सेवानिवृत होने के बाद सुनीता देवी को भोजन कार्य पर रखा जो अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। जिनके हाथ से सामान्य वर्ग के छात्रों ने खाना खाने से मना कर दिया। जिसके बाद मामले ने गंभीर रूप ले लिया।
शनिवार को हुई इस घटना से विद्यालय में पड़ने वाले छात्रों के अभिभावकों ने प्रधानाचार्य प्रेम राम पर आरोप लगाया की वो अपनी मनमानी करते हैं उन्हें पता होना चाहिए की विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में सामान्य वर्गों की संख्या अधिक है। सुनीता देवी को नियुक्त करने का फैसला उनका अपना फैसला था।
इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के साथ-साथ शिकायत करने वाले अभिभावकों को अपने समक्ष तलब करने वाले उपखंड जांच करने वाले शिक्षा अधिकारी अंशुल बिष्ट ने बात की ओर दोनों पक्षों को सुना, बयान दर्ज करने बाद कल 22 दिसंबर को दोनो ही पक्षों को चंपावत बुलाया गया है जहां इसका फैसला होना है