Sri Lanka Crisis: श्रीलंका संकट पर संयुक्त राष्ट्र बोला- हालात पर करीब से नजर, हम मदद के लिए तैयार

Sri Lanka Crisis:

नई दिल्ली। श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। आर्थिक और राजनीतिक संकट ने देश को गृहयुद्ध की ओर धकेल दिया है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने भी संकट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। यूएन महासचिव एटोनियो गुटेरस ने श्रीलंका में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा है कि वो श्रीलंका में हो रहे घटनाक्रमों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका की मदद करने के लिए तैयार है। गुटेरस ने लोगों से शांति बनाए रखने के की अपील की है।

श्रीलंका के साथ एकजुटता से खड़े

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने सभी पक्षों से बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने नई सरकार के गठन और आर्थिक संकट के स्थायी हल की भी बात की है। यूएन प्रवक्ता ने सोमवार को एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुसीबत में घिरे श्रीलंका के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा हैं।

भारत ने की 3.8 बिलियन डॉलर की मदद

बता दें कि श्रीलंका में लगातार बिगड़ रहे हालात पर एक बार फिर से उसके पड़ोसी देश भारत ने उसका समर्थन किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा कि हमें श्रीलंका और उसके लोग इस समय जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उसके बारे में पता है। इस कठिन दौर से उबरने की कोशिश में हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं। विदेश मंत्रालय ने आगे बताया कि भारत ने इस वर्ष श्रीलंका में गंभीर आर्थिक स्थिति में सुधारने के लिए 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की मदद दी है।

सबसे बुरे दौर में श्रीलंका की स्थिति

गौरतलब है कि श्रीलंका इस वक्त अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला ये देश आजादी के बाद के सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका में इस समय विदेशी मुद्रा की भारी कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाली आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में भी सक्षम नहीं है। सरकार की गलत नीतियों से नाराज जनता सड़कों पर है और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही है।

महाराष्ट्र: पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचे संजय राउत, कहा- जिंदगी में कभी गलत काम नहीं किया

Tags

crisis in sri lankaeconomic crisiseconomic crisis in Sri Lankafood crisis sri lankasri lankaSri Lanka CrisisSri lanka economic crisissri lanka economic crisis explainedSri Lanka economysri lanka economy crisis
विज्ञापन