September 19, 2024
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उमेश पाल की ढाल बनने वाले गनर संदीप निषाद की कहानी, जख्मी होने पर भी किया बचाव

  • WRITTEN BY: Riya Kumari
  • LAST UPDATED : February 26, 2023, 4:19 pm IST

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश का प्रायगराज एक बार फिर सनसनीखेज वारदात को लेकर चर्चा में है. जहां शुक्रवार (24 फरवरी) को हुए उमेश पाल हत्याकांड ने इस समय पूरे सूबे की नींद उड़ा दी है. बता दें, उमेश पाल साल 2005 के BSP विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे जिन्हें सरेराह कुछ बदमाशों ने गोलियों से भून दिया. इस हमले में उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात गनर्स में से एक संदीप निषाद की भी जान चली गई. आइए जानते हैं कौन थे संदीप निषाद जिन्होंने इस हमले में जान गवाई जिन्होंने उमेश पाल की जान बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी.

शुक्रवार को हुआ पूरा हत्याकांड

यूपी पुलिस के सिपाही संदीप निषाद का परिवार अब उनके जाने के बाद बिल्कुल अकेला हो गया है. बता दें, शुक्रवार को हुए हत्याकांड के बाद प्रयागराज के स्वरूपरानी हॉस्पिटल स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर उमेश पाल की भारी भीड़ जमा हो गई थी. लेकिन इस दौरान किसी की नज़र उस सिपाही के परिवार पर नहीं पड़ी जिसने उमेश पाल की रक्षा करने के लिए आखिरी दम तक संघर्ष किया. बता दें, जान गवाने वाले सरकार गनर संदीप निषाद के पिता किसान हैं. इसलिए पूरा घर संदीप की कमाई के भरोसे ही था.

आर्थिक मदद और नौकरी की मांग

संदीप के अलावा उनके दो भाई हैं ऐसे में उनका परिवार पुलिस विभाग से मिलने वाले पैसे पर ही आश्रित था. संदीप की नौकरी से ही उनके घर का खर्चा चलता था और उनके छोटे भाई की पढाई चल रही थी. संदीप के भाइयों का कहना है कि संदीप की मृत्यु से उनके पिता और भाई अब गम में डूबे हुए हैं. वह कभी भी उन्हें भूल नहीं पाएंगे. संदीप के भाइयों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन से परिवार के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

44 सेकंड के भीतर उजड़ गया परिवार

गौरतलब है कि उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की हत्या महज 44 सेकंड के भीतर कर दी गई थी. एक बदमाश पहले उमेश पाल की दुकान पर उनका इंतज़ार कर रहा था.उमेश पाल जैसे ही गाड़ी से उतरे थे वैसे ही उनपर हमला हो गया था. इस दौरान संदीप निषाद ही उनकी ढाल बनें.

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