प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज इस समय उमेश पाल हत्याकांड को लेकर चर्चा में बनी हुई है. इस वारदात ने पूरे सूबे की नींद उड़ा दी है. अब उमेश पाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल पुलिस अभी भी इस हत्याकांड के हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है. दूसरी ओर इस पूरे मामले में […]
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज इस समय उमेश पाल हत्याकांड को लेकर चर्चा में बनी हुई है. इस वारदात ने पूरे सूबे की नींद उड़ा दी है. अब उमेश पाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल पुलिस अभी भी इस हत्याकांड के हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है. दूसरी ओर इस पूरे मामले में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा महानगर अध्यक्ष राहील हसन के भाई गुलाम हसन का नाम सामने आया है. उसे अब हत्याकांड को लेकर नामजद किया गया है.
गुलाम हसन का नाम हत्याकांड में आने के बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष गणेश केसरवानी ने एक समाचार चैनल को बताया कि गुलाम को पार्टी से हटाया जा चुका है. हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक लेटर नहीं जारी किया गया है. गौरतलब है कि महज 44 सेकेंड के अंदर दो गनर्स की सुरक्षा को भेदते हुए बदमाशों ने उमेश पाल की ताबड़तोड़ गोलियों से हत्या कर दी थी. जानकारी के अनुसार उमेश पाल ने हाल ही में भाजपा जॉइन की थी. उनके उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल, सिद्धार्थ नाथ सिंह तक नज़दीकी संबंध भी थे. बता दें, उमेश पाल साल 2005 राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. बसपा नेता राजूपाल की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी.
उत्तर प्रदेश का प्रायगराज एक बार फिर सनसनीखेज वारदात को लेकर चर्चा में है. जहां शुक्रवार (24 फरवरी) को हुए उमेश पाल हत्याकांड ने इस समय पूरे सूबे की नींद उड़ा दी है. बता दें, उमेश पाल साल 2005 के BSP विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे जिन्हें सरेराह कुछ बदमाशों ने गोलियों से भून दिया. इस हमले में उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात गनर्स में से एक संदीप निषाद की भी जान चली गई. आइए जानते हैं कौन थे संदीप निषाद जिन्होंने इस हमले में जान गवाई जिन्होंने उमेश पाल की जान बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी.
यूपी पुलिस के सिपाही संदीप निषाद का परिवार अब उनके जाने के बाद बिल्कुल अकेला हो गया है. बता दें, शुक्रवार को हुए हत्याकांड के बाद प्रयागराज के स्वरूपरानी हॉस्पिटल स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर उमेश पाल की भारी भीड़ जमा हो गई थी. लेकिन इस दौरान किसी की नज़र उस सिपाही के परिवार पर नहीं पड़ी जिसने उमेश पाल की रक्षा करने के लिए आखिरी दम तक संघर्ष किया. बता दें, जान गवाने वाले सरकार गनर संदीप निषाद के पिता किसान हैं. इसलिए पूरा घर संदीप की कमाई के भरोसे ही था.
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