प्रयागराज: माफिया अतीक को 17 साल पुराने उमेश पाल के अपहरण मामले में प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए हत्याकांड के बाद उमेश पाल को ये पहला न्याय मिला है. याद हो एक महीने चार दिन पहले प्रयागराज में साल 2005 के राजू पाल मर्डर […]
प्रयागराज: माफिया अतीक को 17 साल पुराने उमेश पाल के अपहरण मामले में प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए हत्याकांड के बाद उमेश पाल को ये पहला न्याय मिला है. याद हो एक महीने चार दिन पहले प्रयागराज में साल 2005 के राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए कुछ बदमाशों ने हत्या कर दी थी. साल 2006 में उमेश पाल के अपहरण मामले को लेकर आज प्रयागराज कोर्ट ने फैसला सुनाया है. जिसमें अतीक और उसके कुछ गुर्गे शामिल थे. उनपर उमेश पाल को अगवाह कर जबरदस्ती हलफनामा दिलवाकर गवाही बदलवाने का आरोप था जिसे सिद्ध करते हुए कोर्ट ने अतीक और उसके दो साथियों को सजा सुनाई है.
प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट में अतीक समेत कुल तीन आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया गया है. सभी पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. ये जुर्माना उमेश पाल के घरवालों को दिया जाएगा. वहीं अतीक के भाई अशरफ समेत कुल 11 लोग इस मामले में आरोपी थे. बताया जा रहा है कि अशरफ समेत बाकी के सात आरोपियों को इस मामले में बरी कर दिया गया है. जहां फैसला सुनाए जाने के बाद अतीक अपने भाई अशरफ के गले लगकर रोता भी दिखाई दिया.
बता दें, इस मामले में अतीक, पूर्व पार्षद दिनेश पासी और एडवोकेट हनीफ खान को दोषी करार दिया गया है. वहीं 10 में से बाकी के आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट था. फैसला सुनाए जाने के बाद परिसर में अतीक अहमद के खिलाफ फांसी दो फांसी दो के नारे भी लगाए थे.
अब अतीक के साथ उसके दोनों साथियों को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
प्रयागराज कोर्ट के द्वारा फैसले आने के बाद उमेश पाल की पत्नी जया देवी ने कहा कि जब तक अतीक, उसके भाई, बेटे को खत्म नहीं किया जाएगा तब तक यह आंतक चलता रहेगा। मैं न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करती हूं। मैं मुख्यमंत्री से चाहती हूं कि अतीक अहमद को खत्म किया जाए जिससे उसके आंतक पर भी अंकुश लगे।
वहीं कोर्ट के फैसले के बाद उमेश पाल की मां शाति देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मेरा बेटा शेर की तरह लड़ाई लड़ता रहा। जब उसे (अतीक अहमद) को लगने लगा कि वह अब नहीं बच पाएगा तब उसने 17-18 साल बाद मेरे बेटे की हत्या कराई। कोर्ट मेरे बेटे की हत्या पर उसे फांसी की सजा सुनाए। वह नोट के बल पर आगे कुछ भी कर सकता है।