नई दिल्ली। रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने लगातार 11वीं बार तुर्की के राष्ट्रपति का चुनाव जीता है. राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगन ने विपक्ष के नेता कमाल कलचदारलू को करारी मात दी है. तुर्की की मीडिया के मुताबिक एर्गोदन को चुनाव में करीब 52 प्रतिशत वोट मिले, वहीं कलचदारलू को 48 फीसदी […]
नई दिल्ली। रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने लगातार 11वीं बार तुर्की के राष्ट्रपति का चुनाव जीता है. राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगन ने विपक्ष के नेता कमाल कलचदारलू को करारी मात दी है. तुर्की की मीडिया के मुताबिक एर्गोदन को चुनाव में करीब 52 प्रतिशत वोट मिले, वहीं कलचदारलू को 48 फीसदी ही मत मिले. इस तर एर्दोगन की तुर्की की सत्ता में एक बार फिर से वापसी हो गई.
बता दें कि, एर्दोगन ने दूसरे राउंड के राष्ट्रपति चुनाव में बहुमत हासिल किया है. इससे पहले 14 मई पहले चरण का चुनाव हुआ था, जिसमें किसी भी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला था. सत्ताधारी जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) के प्रमुख रेचेप तैय्यप एर्गोदन चुनाव में बहुमत हासिल करते-करते रह गए और उन्होंने 49.9% वोट मिले थे. जबकि उनके प्रमुख प्रतिद्वंदी कलचदारलू को 45 फीसदी वोट मिले थे. किसी भी नेता को बहुमत नहीं मिलने के बाद रविवार को तुर्की में दूसरे राउंड का राष्ट्रपति चुनाव कराया गया.
गौरतलब कि, रेचेप तैय्यप एर्गोदन पिछले 20 वर्षों से तुर्की का नेतृत्व कर रहे हैं. वे 2003 में प्रधानमंत्री बने थे. बाद में एर्दोगन ने राष्ट्रपति का चुनाव जीता और फिर 2018 में तुर्की में संसदीय व्यवस्था खत्म कर राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू कर दी गई. इसके साथ ही जनमत संग्रह के जरिए राष्ट्रपति को ज्यादा शक्तियां दे दी गईं और प्रधानमंत्री के पद को समाप्त कर दिया गया. इसके बाद ही एर्दोगन तुर्की में सर्वशक्तिमान बने हुए हैं. तुर्की में अब राष्ट्रपति ही सरकार का मुखिया होता है.