नई दिल्ली: सोमवार (6 फरवरी) को तीसरी बार तुर्की में भूकंप के झटको से धरती हिली है. पिछले 10 घंटो में ये तीसरी बार है जब तुर्की में भूकंप आया है. अब तक इन झटकों ने 2300 से अधिक लोगों की जान ले ली है. जानकारी के अनुसार तीसरी बार इस भूकंप की तीव्रता 6 […]
नई दिल्ली: सोमवार (6 फरवरी) को तीसरी बार तुर्की में भूकंप के झटको से धरती हिली है. पिछले 10 घंटो में ये तीसरी बार है जब तुर्की में भूकंप आया है. अब तक इन झटकों ने 2300 से अधिक लोगों की जान ले ली है. जानकारी के अनुसार तीसरी बार इस भूकंप की तीव्रता 6 मापी गई है. ये झटके शाम पांच बजकर 32 मिनट पर महसूस किए गए हैं. इससे पहले यानी दूसरी बार भारतीय समयानुसार तीन बजकर 54 मिनट पर भी भूकंप आया था. दूसरी बार आए इस भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई थी. दूसरी बार आए भूकंप का केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी. तक अंदर था.
#UPDATE | More than 2,300 people killed so far due to deadly earthquakes in Turkey and Syria, reports The Associated Press #Turkey was hit by three consecutive devastating earthquakes of magnitude 7.8, 7.6 & 6.0.#TurkeyEarthquake pic.twitter.com/9HXMHf6usv
— ANI (@ANI) February 6, 2023
देश की आपदा एजेंसी का हवाले से एक समाचार एजेंसी ने बताया है कि दक्षिणी तुर्की में कहारनमारास प्रांत के एलबिस्तान जिले में 7.6 तीव्रता का एक और ताजा भूकंप आया है. इस भूकंप का प्रभाव सीरिया के दमिश्क, लताकिया अन्य सीरियाई प्रांतों में भी हुआ है. गौरतलब है कि सोमवार की सुबह तड़के सवा चार बजे तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप में अब तक मरने वालों की संख्या 2300 के पार जा चुकी है. भूकंप का केंद्र गजियांटेप इलाके में स्थित था. बता दें, ये स्थान सीरिया बॉर्डर से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है. तुर्की और सीरिया, दोनों में ही 6 बार भूकंप आया है. इस भयानक भूकंप में जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर स्थित है. इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है जो बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है. यह अरेबियन प्लेटके साथ जुड़ता है. इसके अलावा दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट भी है. जबकि, उत्तर दिशा की ओर यूरेशियन प्लेट है. यह प्लेट उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट जोन से जुड़ा है. घड़ी के विपरीत दिशा में घूमने वाली इन्हीं प्लेटों की वजह से तुर्की में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.
एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट तुर्की के नीचे मौजूद है जो घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रही है. जिसे आम भाषा में एंटीक्लॉकवाइज भी कहते हैं. दूसरी ओर इसे अरेबियन प्लेट धक्का दे रही है. यदि घूमती हुई एनाटोलियन प्लेट को जब अरेबियन प्लेट धक्का देती है, तो ये यूरेशियन प्लेट से टकराती है. इसी कारण तुर्की और इसके आस-पास के इलाकों में भूकंप आते हैं. सोमवार(6 फरवरी) को आए 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप में हजारों लोगों की मौत हो गई है.
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