नई दिल्ली। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत अपनी पकड़ और मज़बूत करने जा रहा है. आज 14 जुलाई 2023 का दिन भारत के लिए काफी ऐतिहासिक है. चंद्रयान-3, जो चंद्रयान का नया और बेहतर संस्करण है उसे दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया जा रहा है. इसे पिछले वाले से बेहतर तरीके से डिजाइन और तैयार […]
नई दिल्ली। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत अपनी पकड़ और मज़बूत करने जा रहा है. आज 14 जुलाई 2023 का दिन भारत के लिए काफी ऐतिहासिक है. चंद्रयान-3, जो चंद्रयान का नया और बेहतर संस्करण है उसे दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया जा रहा है. इसे पिछले वाले से बेहतर तरीके से डिजाइन और तैयार किया गया है.
चंद्रयान 1 भारत का पहला चंद्र मिशन रहा. इस प्रोजेक्ट पर इसरो के वैज्ञानिकों की काफी बड़ी टीम खोज कर रही थी. इस प्रोजेक्ट को 22 अक्टूबर 2008 को लांच किया गया था. चंद्रयान-1 के पीछे की प्लानिंग और आईडिया में माधवन नायर ‘इसरो’ के पूर्व प्रमुख ने मुख्य भूमिका निभाई थी. इस मानव रहित यान को चन्द्रमा तक पहुंचाने के लिए 5 दिनों का समय लग गया था. वहीं इसे चन्द्रमा पर स्थापित करने में पूरे 15 दिनों का वक़्त लगा था. जहां तक इसके नाकाम होने का कारण देखा जाए तो करीब 1 साल बाद खराब थर्मल परीक्षण और ऑर्बिटर को स्टार ट्रैकर की विफलता के साथ-साथ कई तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा. यही कारण है कि चंद्रयान 1 निष्फल हो गया. लेकिन वहीं चंद्रयान मिशन से भारत ने एक बहुत बड़ी खोज और सफलता भी पाई, जोकि चन्द्रमा पर पानी होना है.
22 जुलाई 2019, भारत के लिए सबसे बड़ी सफलता और ऐतिहासिक दिन रहा था. रितु करिधल एक वैज्ञानिक जो इसरो के बड़े अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 की प्रभारी थीं. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक होता तो चंद्रयान-2 चंद्रमा के सबसे दक्षिणी हिस्से पर उतारा जाता. लेकिन कुछ गलतियों की वजह से अपने रास्ते से भटक जाने पर चंद्रयान अपने निर्धारित लक्ष्य से करीब 2.1 किलोमीटर दूर उतरा. अंतरिक्ष यान को नियंत्रित करने के प्रभारी लोगों का भी इससे संपर्क टूट गया. इसी कारण को अपनी प्रेरणा बनाते हुए चंद्रयान 3 की तैयारी शुरू कर दी गयी.
आज सारे देशवासियो की नज़र और उम्मीद इसरो के चंद्रयान 3 पर टिकी हुई हैं, अब देखना यह है कि क्या यही मिशन भारतवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरता है या नहीं. क्योंकि इस बार भी चंद्रयान 3 का पहला उद्देश्य चन्द्रमा के दक्षिण हिस्से में सफलतापूर्वक उतरना है. भारत को चंद्रयान 3 की तैयारी पर पूरा भरोसा है, इस बार भारत का झंडा चंद्रमा पर जरूर लहराएगा.
Cost of Chandrayaan: चंद्रयान-2 के मुकाबले कितना महंगा है चंद्रयान-3, जानिए पूरा खर्च