आइजोल/इंफाल: हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर में अशांति का असर अब पड़ोसी राज्य मिजोरम में भी देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां मिजोरम सरकार ने म्यांमार से लगी सीमा पर फ्री आवाजाही बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध के बीच एक नोटिस जारी किया है, जिसमें राज्य में साल 1950 के […]
आइजोल/इंफाल: हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर में अशांति का असर अब पड़ोसी राज्य मिजोरम में भी देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां मिजोरम सरकार ने म्यांमार से लगी सीमा पर फ्री आवाजाही बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध के बीच एक नोटिस जारी किया है, जिसमें राज्य में साल 1950 के बाद आने वाले लोगों के जमीन खरीदने या मालिकाना हक हासिल करने पर स्टेट गर्वमेंट द्वारा रोक लगा दी गई है.
वहीं, दूसरी ओर मिजोरम के प्रमुख छात्र संगठन मिजो स्टूडेंट्स यूनियन (MSU) ने सोमवार को मणिपुर सरकार के लिए एक चेतावनी जारी की. इस चेतावनी में MSU ने कहा है कि मणिपुर से किसी भी मिजो या जनजातीय व्यक्ति को निष्कासित किया गया तो हम भी मिजोरम में रहने वाले सभी मैतेइयों को राज्य से बाहर निकाल देंगे.
बता दें कि मिजो स्टूडेंट्स यूनियन की चेतावनी को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 12 फरवरी को दिए गए उस बयान का जवाब बताया जा रहा है, जिसमें सीएम सिंह ने कहा था कि 1961 के बाद मणिपुर आने वाले हर व्यक्ति की पहचान की जाएगी और राज्य से बाहर किया जाएगा. फिर चाहे वे किसी भी जाति या समुदाय के हों, उन्हें मणिपुर से बाहर कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि मिजोरम के छात्र संगठन की चेतावनी के बाद अब पूर्वोत्तर क्षेत्र के महीनों से अस्थिर इस इलाके की परिस्थिति और अधिक संवेदनशील होने की आशंका बढ़ गई है. मिजो स्टूडेंट्स यूनियन के नेताओं का कहना है कि मिजोरम में रहने वाले सभी मैतेइयों की विस्तृत सूची तैयार कर ली गई है. अगर मणिपुर सरकार ने किसी भी मिजो या जनजातीय व्यक्ति को निष्कासित किया तो हम भी जवाबी कार्रवाई करेंगे.
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