नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर देश में सियासी घमासान जारी है. विपक्षी पार्टियां इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलवार हैं और वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई इमारत का उद्घाटन करवाने की मांग कर रही हैं. दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि नए संसद भवन […]
नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर देश में सियासी घमासान जारी है. विपक्षी पार्टियां इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलवार हैं और वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई इमारत का उद्घाटन करवाने की मांग कर रही हैं. दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ही करेंगे. इस बीच अब यह मामला देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है.
वकील सीआर जया सुकीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि सिर्फ राष्ट्रपति ही इसका उद्घाटन कर सकती हैं. लोकसभा सचिवालय, गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को इस मामले में पक्षकार बनाया गया है.
PIL filed in Supreme Court seeking a direction that the #NewParliamentBuilding should be inaugurated by the President of India. pic.twitter.com/IG8y4gQn4i
— ANI (@ANI) May 25, 2023
बता दें कि 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है. उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई संसद की इमारत का उद्घाटन करें. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के सांसद संजय राउत इस मामले को लेकर ज्यादा मुखर हैं. उन्होंने कहा है कि पीएम विदेश में जाकर लोकतंत्र की बात करते हैं, जबकि सच्चाई तो ये है कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी सबसे पहले राष्ट्रपति नए सांसद भवन के उद्घाटन का न्योता दीजिए, उसके बाद लोकतंत्र की बात कीजिए.
इससे पहले सांसद संजय राउत ने बुधवार को भी नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सवाल उठाया था. उन्होंने नई संसद के उद्घाटन बहिष्कार का समर्थन करते हुए कहा कि देश की आर्थिक स्थिति अभी खराब चल रही है, फिर भी सरकार ने लाखों-करोड़ों रुपये इस नए संसद भवन में खर्च कर दिए. इसकी इतनी खास ज़रूरत भी नहीं थी क्योंकि पुराना भवन ही अभी 100 साल तक और चलता. राउत ने आगे कहा कि देश में इससे भी पुराने कई ईमारत हैं जिनकी हालत बिलकुल सही है.
बता दें कि विपक्षी दलों के इस रवैये पर केंद्र सरकार हैरान है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को विपक्षी दलों से इस बहिष्कार पर फिर से विचार करने की अपील की है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं को बताना चाहता हूं कि यह एक ऐतिहासिक घटना है. इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह राजनीति का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना और उसे मुद्दा बनाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं विपक्षी पार्टियों से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं.