नई दिल्ली। आज ही के दिन 14 फरवरी 2019 को आतंकवादियों ने भारत को ऐसा जख्म दिया था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। चार साल पहले आज ही के दिन आतंकवादियों ने पुलावामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें देश के 40 वीर सपूत शहीद हो गए थे। यह हमला भले […]
नई दिल्ली। आज ही के दिन 14 फरवरी 2019 को आतंकवादियों ने भारत को ऐसा जख्म दिया था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। चार साल पहले आज ही के दिन आतंकवादियों ने पुलावामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें देश के 40 वीर सपूत शहीद हो गए थे। यह हमला भले ही कश्मीर में हुआ, लेकिन इसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हमला इतना भयंकर था कि दिल्ली में बैठी सरकार की चूलें हिल गईं थी। देश की जनता आक्रोशित थी और वो अपने 40 जवानों की शहादत का बदला चाहती थी। इसके बाद सरकार ने आतंकवादियों को सख्त संदेश देने और भारतीय जनमानस के आक्रोश को कुछ हद तक कम करने के लिए बालाकोट एयरस्ट्राइक करने का फैसला किया।
दरअसल, 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर सीआरपीएफ कर्मियो का 78 गाड़ियों का एक काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इन गाड़ियों में सीआरपीएफ के 2500 जवान मौजूद थे। सुबह करीब 3.30 बजे इस काफिले ने जम्मू से अपनी यात्रा शुरू की। इसे शाम से पहले श्रीनगर पहुंचना था। इस बीच रास्ते में पुलवामा जिले के लेथापोरा के पास आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक भरी कार से काफिले की बस को जोरदार टक्कर मार दी।
टक्कर होते ही वहां इतना भयंकर धमाका हुआ कि बस के परखच्चे उड़ गए। इस आतंकी हमले में CRPF के 76वीं बटालियन के 40 जवान शहीद हो गए और कई घायल हो गए, जिन्हें तुरंत श्रीनगर के अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद पाकिस्तानी आंतकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीडियो जारी किया। वहीं, हमला करने वाले शख्स की पहचाम कश्मीर के रहने वाले आदिल अहमद डार के रूप में हुई। आदिल के परिवार ने कहा था कि वह साल 2018 से ही गायब था।
बाद में जांच में सामने आया कि पुलवामा हमले को अंजाम देने के लिए 300 किलो से ज्यादा विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था। जिसमें 80 किलो RDX और अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल थे। पहले ये माना गया कि आतंकवादियों ने इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोट किसी कंस्ट्रक्शन साइट से चुराया होगा। हालांकि, बाद में सीमा पार से तस्करी कर लाए जाने की बात सामने आई।
पुलवामा हमले ने भारतीय जनमानस पर बहुत गहरी छाप छोड़ी। हमले के बाद जनता में रोष बढ़ता जा रहा था। ऐसे में भारत सरकार ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों को सबक सिखाने का फैसला किया। इसके बाद 26 फरवरी 2019 की सुबह सूर्योदय से पहले भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने एलओसी पार कर बालाकोट में एयरस्ट्राइक की। 12 मिराज विमानों ने बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मौहम्मद के ट्रेनिंग कैंप और ठिकानों पर भारी बमबारी की। रिपोर्ट के मुताबिक हवाई हमलों में 350 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे।
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