बेंगलुरु। कर्नाटक की जनता आज अपनी नई सरकार के लिए मतदान कर रही है। राज्य की सभी 224 सीटों पर एक साथ वोट डाले जा रहे हैं। कुल 2,615 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनके बीच टक्कर हो रही है। राज्य की जनता आज उम्मीदवारों की किस्मत मतपेटियों में कैद करेगी। इसके बाद 13 मई को […]
बेंगलुरु। कर्नाटक की जनता आज अपनी नई सरकार के लिए मतदान कर रही है। राज्य की सभी 224 सीटों पर एक साथ वोट डाले जा रहे हैं। कुल 2,615 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनके बीच टक्कर हो रही है। राज्य की जनता आज उम्मीदवारों की किस्मत मतपेटियों में कैद करेगी। इसके बाद 13 मई को मतो की गणना की जाएगी। चुनाव में मुख्य मुकबला बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच है। 224 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 113 सीटें हासिल करना जरूरी है।
साल 2018 में हुआ विधानसभा चुनाव कर्नाटक के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव था। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के सर्वे के मुताबिक इस चुनाव में करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 12 मई 2018 को राज्य की 222 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें 5.06 करोड़ से अधिक वोटर्स में से 72.13 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। कर्नाटक राजनीतिक रूप से 6 अलग-अलग भागों में बंटा हुआ है। जिसमें बेंगलुरु, सेंट्रल, तटीय, हैदराबाद-कर्नाटक, मुंबई कर्नाटक और दक्षिणी कर्नाटक शामिल है। मुंबई-कर्नाटक और दक्षिण कर्नाटक राज्य के सबसे बड़े हिस्से हैं। मुंबई-कर्नाटक में 50 और दक्षिण कर्नाटक में 51 विधानसभा की सीटें हैं।
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।
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