नई दिल्ली: मंगलवार को केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है जहां शीर्ष अदालत ने ED चीफ संजय मिश्रा के कार्यकाल में तीसरी बार एक्सटेंशन के आदेश को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने ED के डायरेक्टर के कार्यकाल में तीसरी बार के एक्सटेंशन को अवैध करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट […]
नई दिल्ली: मंगलवार को केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है जहां शीर्ष अदालत ने ED चीफ संजय मिश्रा के कार्यकाल में तीसरी बार एक्सटेंशन के आदेश को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने ED के डायरेक्टर के कार्यकाल में तीसरी बार के एक्सटेंशन को अवैध करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ईडी निदेशक के कार्यकाल में तीसरी बार सेवा विस्तार करना अवैध और गैर कानूनी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को राहत देते हुए सेवा विस्तार के नियम वाले कानून में संशोधन को सही करार दिया है.
शीर्ष अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि ED निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल विस्तार अवैध है लेकिन इस पद पर वह 31 जुलाई 2023 तक बने रहेंगे. ऐसे में सुचारू परिवर्तन और सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सकेगा. क्योंकि आने वाले समय में FATF की समीक्षा भी होनी है इसलिए उनका कार्यकाल इस महीने का अंत तक रहेगा. आगे सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को राहत देते हुए कहा कि सेवा विस्तार के नियम वाले कानून में संशोधन सही है. कोर्ट ने आगे कहा कि केंद्र के पास उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश पर कार्यकाल बढ़ाने की शक्ति है.
गौरतलब है कि ED संजय मिश्रा को पहली बार दो साल की अवधि के लिए 19 नवंबर 2018 को ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था. नवंबर, 2020 में उनका कार्यकाल समाप्त होना था लेकिन उनका कार्यकाल बढ़ाकर 2 साल की जगह बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया था. इससे पहले ही मई महीने में संजय मिश्रा 60 साल यानी रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच चुके थे. इसके बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम के साथ-साथ दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम में नवंबर 2021 में केंद्र सरकार अध्यादेश लाई थी. इस अध्यादेश के तहत CBI और ED चीफ को एक-एक साल के तीन सेवा विस्तार देने का प्रावधान है. यह बाद में संसद में पारित कर दिया गया.
संजय मिश्रा को नवंबर 2021 में ही दूसरी बार एक साल का सेवा विस्तार मिला था. तीसरी बार उन्हें नवंबर 2022 में एक बार फिर एक साल का एक्सटेंशन दिया गया था. 18 नवंबर 2023 को उनका कार्यकाल ख़त्म होना था जिसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने एक्सटेंशन के आदेश को रद्द कर दिया है.