नई दिल्ली : पूरे देश को दहला देने वाले श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड को लेकर आखिरकार पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी. दिल्ली पुलिस ने हत्याकांड मामले में कुल 6636 पन्नों की चार्जशीट दायर की है जिसमें कई चौका देने वाले खुलासे किए गए हैं. बता दें, पुलिस या जांच एजेंसी के पास चार्जशीट दाखिल करने […]
नई दिल्ली : पूरे देश को दहला देने वाले श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड को लेकर आखिरकार पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी. दिल्ली पुलिस ने हत्याकांड मामले में कुल 6636 पन्नों की चार्जशीट दायर की है जिसमें कई चौका देने वाले खुलासे किए गए हैं. बता दें, पुलिस या जांच एजेंसी के पास चार्जशीट दाखिल करने के लिए कानूनन 90 दिन का वक्त होता है. लेकिन श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस ने 75 दिनों के भीतर ही चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है.
दिल्ली पुलिस की संयुक्त पुलिस आयुक्त (साउथ रेंज) मीनू चौधरी ने बताया की इस मामले की गहन जांच के लिए पुलिस की कुल 9 टीमें बनाई गई थीं. इसके अलावा SIT का भी गठन किया गया था. इतना ही नहीं दिल्ली के अलावा इस केस का दायरा चार राज्यों तक फैला था. इस हत्याकांड में दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश भी शामिल था. उन्होंने आगे बताया कि आफताब ने हत्या के बाद श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए थे. इसलिए इस लाश के टुकड़े जुटाने के लिए एक अलग टीम बनाई गई थी. इस टीम ने अफताब की निशानदेही पर टुकड़े बरामद किए.
आरोपी अफताब अमीन पूनावाला से कई अलग-अलग टीमों ने पूछताछ की. इस केस में यहां तक की पूछताछ के लिए एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया था. एफएसएल (FSL) और सीएफएसएल (CFSL) से भी मौका-ए-वारदात यानी क्राइम सीन पर जांच करवाई गई. मीनू चौधरी के अनुसार, इस मामले के आरोपी आफताब का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ था. साथ ही गुरुग्राम और दिल्ली से सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला गया और इसके फुटेज को बतौर सबूत जमा भी किया गया. यही नहीं आफताब का लैपटॉप, सोशल मीडिया जैसे डिजिटल एविडेंस भी पुलिस ने बरामद किए थे. लाश को काटने के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था,उनमें से कुछ हथियार पुलिस ने बरामद किए हैं.
ज्वाइंट कमिश्नर मीनू चौधरी ने बताया कि सभी सबूतों के साथ चार्जशीट दायर की गई है. पुलिस ने इस मामले में 150 से ज्यादा गवाहों के बयान को भी रिकॉर्ड किया है जिन्हें भी इस चार्जशीट में शामिल किया गया है. चार्जशीट के अनुसार 17 मई 2022 को श्रद्धा अपने दूसरे दोस्त से मिलने गुरुग्राम गई थी. 18 मई 2022 की दोपहर वह घर पर वापस लौट आई थी. इसी बात से आफताब नाराज़ हो गया था. इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा हुआ और आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी.
दूसरी ओर खबर है कि आफताब अपने वकील से नाराज़ है. वह अपना वकील बदलना चाहता है और उसने अपने वकील को चार्जशीट नहीं दिखाई है. फिलहाल आफताब की न्यायिक हिरासत 7 फरवरी तक बढ़ा दी गई है.
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