मुंबई। शिवसेना के उद्धव बनाम शिंदे विवाद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक संकट के वक्त राज्यपाल द्वारा लिए गए फैसले पर सवाल उठाया। फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राज्यपाल को वो नहीं करना चाहिए जिसकी ताकत संविधान […]
मुंबई। शिवसेना के उद्धव बनाम शिंदे विवाद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक संकट के वक्त राज्यपाल द्वारा लिए गए फैसले पर सवाल उठाया। फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राज्यपाल को वो नहीं करना चाहिए जिसकी ताकत संविधान ने उनको नहीं दी है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना सही फैसला नहीं था।
सीजेआई ने फैसला पढ़ते हुए शिवसेना के बागी विधायकों को भी जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि ऐसे सिस्टम काम नहीं करता है कि चुनाव के वक्त आप किसी पार्टी के नाम पर वोट मांगे और फिर बाद में पार्टी से बगावत करके किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोग्यता की कार्रवाई से बचने के लिए बागी विधायक खुद को वास्तविक पार्टी नहीं बता सकते हैं।
बता दें कि बीते साल शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों की बगावत के कारण महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। 2019 से शिवसेना-कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की गठबंधन की सरकार चला रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बगावत के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। इसके साथ ही उद्धव गुट ने पार्टी से बगावत करने वाले 16 विधायकों का अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। इसी मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया है।