यूपी: कानपुर में जुमे की नमाज को लेकर धारा 144 लागू, हर संवेदनशील जगहों पर निगरानी

कानपुर हिंसा: लखनऊ। आज होने वाली जुमे (शुक्रवार) की नमाज के लिए कानपुर शहर में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। बताया जा रहा है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों समेत भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। […]

Advertisement
यूपी: कानपुर में जुमे की नमाज को लेकर धारा 144 लागू, हर संवेदनशील जगहों पर निगरानी

Vaibhav Mishra

  • June 10, 2022 8:37 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कानपुर हिंसा:

लखनऊ। आज होने वाली जुमे (शुक्रवार) की नमाज के लिए कानपुर शहर में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। बताया जा रहा है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों समेत भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। मिश्रित आबादी वाले इलाको में ज्यादा निगरानी रखी जा रही है।

पिछले शुक्रवार को भड़की थी हिंसा

बता दें कि जुमे नमाज के बाद पिछले शुक्रवार को कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे। जिसमें भारी पत्थरबाजी हुई थी। जानकारी के मुताबिक ये हिंसा एक टीवी बहस के दौरान पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के विरोध में हुए बंद के दौरान हुई थी।

छतों से रखी जा रही निगरानी

कानपुर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने जुमे के नमाज के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में बताया कि उच्च भवनों की छतों से पुलिस संवेदनशील इलाकों की निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी अधीनस्थों और थाना प्रमुखों को चौबीसों घंटे गश्त सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

हिंसा प्रभावित इलकों में पुलिस का मार्च

कानपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों मार्च किया है। मीणा ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहों पर प्रतिक्रिया ना दें। उन्होंने लोगों से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का भी आग्रह किया।

धार्मिक नेताओं से की बात

इस बीच पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा और जिला मजिस्ट्रेट विशाख जी अय्यर ने मुस्लिम मौलवियों और पुजारियों समेत कई धार्मिक नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें विश्वास में लिया। उन्होंने अपने-अपने समुदाय के लोगों को शांति बनाए रखने के लिए मौलवियों और पुजारियों को उनसे बात करने को कहा है।

ये भी पढ़े-

क्यों मुस्लिम देशों की आपत्ति पर भारत को तुरंत लेना पड़ा एक्शन, जानिए 5 बड़े कारण

Advertisement