नई दिल्ली; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में असम पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें दिल्ली पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. असम पुलिस की इस कार्रवाई से कांग्रेस नेताओं में ख़ास नाराज़गी देखने को मिली और देश भर में हाई वोल्टेज ड्रामे ने जन्म लिया. हालांकि कुछ ही घंटों बाद पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. रेगुलर बेल के लिए आगे खेड़ा अर्जी देंगे. फिलहाल मंगलवार तक कांग्रेस प्रवक्ता को गिरफ्तारी से राहत मिल गई है. साथ ही इतनी बड़ी कार्रवाई करने वाली असम पुलिस को शीर्ष न्यायलय से बड़ा झटका लगा है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब पवन खेड़ा को जमानत मिल गई है लेकिन देश भर में विपक्ष के पास एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधने का मुद्दा मिल गया है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा के खिलाफ हुई तीनों FIR को एक जगह पर क्लब करने का आदेश दिया है. हालांकि अब तक यह तय नहीं है कि एक साथ इस मामले पर किस कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. बता दें, कांग्रेस ने कोर्ट से पवन खेड़ा के खिलाफ की गई FIR को रद्द करने की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है. बता दें, कांग्रेस प्रवक्ता पर जो आरोप लगाए गए हैं उससे उन्हें तीन से पांच साल की सजा भी हो सकती है.
बता दें, पवन खेड़ा रायपुर के कांग्रेस अधिवेशन में जा रहे थी. इस दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गुरुवार को दिल्ली में फ्लाइट से उतार दिया गया. उन्हें रायपुर में शुक्रवार से शुरु हो रहे कांग्रेस के अधिवेशन में हिस्सा लेना था लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट से ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई के विरोध में फ्लाइट में मौजूद दूसरे कांग्रेस नेताओं ने नारेबाजी की और वह भी विमान से उतर गए. मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि, दिल्ली से रायपुर कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने के लिए जाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री पवन खेड़ा को असम पुलिस ने फ्लाइट से उतार दिया। ऐसी कौन सी इमरजेंसी थी कि असम पुलिस ने दिल्ली आकर ये कृत्य किया? पहले रायपुर में ईडी के छापे एवं अब ऐसा कृत्य बीजेपी की बौखलाहट दिखाता है। यह निंदनीय है।
वहीं मामले पर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि , हम सभी इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 6ई 204 से रायपुर जाने वाले थे तभी अचानक मेरे सहयोगी पवन खेड़ा को विमान से उतरने के लिए कहा गया। यह किस तरह की मनमानी है ? क्या कानून का राज खत्म हो गया है ? किस आधार पर और किसके आदेश से ऐसा किया गया ?
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