नई दिल्ली। आज पूरे देश में सावन मास की शिवरात्रि मनाई जा रही है. आज के दिन हर कोई भगवान शिव की पूजा कर उनको मनाने में लगा हुआ है. सावन शिवरात्रि को शिव भक्तों का विशेष त्यौहार माना जाता है. श्रावण मास को सबसे पवित्र और फलदायी माना जाता है. कहा जाता है सावन […]
नई दिल्ली। आज पूरे देश में सावन मास की शिवरात्रि मनाई जा रही है. आज के दिन हर कोई भगवान शिव की पूजा कर उनको मनाने में लगा हुआ है. सावन शिवरात्रि को शिव भक्तों का विशेष त्यौहार माना जाता है. श्रावण मास को सबसे पवित्र और फलदायी माना जाता है. कहा जाता है सावन शिवरात्रि के दिन की गई पूजा पूरे सावन मास की पूजा का फल देने में सक्षम होती है. इस वर्ष यह पावन त्यौहार आज यानी 15 जुलाई 2023 के दिन मनाया जा रहा है. सभी शिव भक्त भगवान शंकर को आज के दिन अपने अपने तरीके से मनाने की कोशिश करते हैं. आज के दिन व्रत, जलाभिषेक, मंत्र जाप और रात्रि में भजन करने का महत्व ज्यादा होता है.
सावन मास की शिवरात्रि हिन्दू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाई जाती है. बता दें आज का यह शुभ अवसर 15 जुलाई 2023 की रात 08:32 बजे आरम्भ हो जायेगा. वहीं, इसका समापन अगले दिन रात 10:08 बजे होगा. शिवरात्रि का पूजन मुहूर्त 16 जुलाई 2023 के दिन रात 12:07 बजे से 12:48 बजे तक रहने वाला है. शिवरात्रि की पूजा को चार पहर में करने की मान्यता है.
प्रथम चरण की पूजा- शाम 7.21 बजे से रात 9.54 बजे तक
द्वितीय चरण की पूजा- रात 9.54 बजे से देर रात 12.27 बजे तक (16 जुलाई)
तृतीय चरण की पूजा- रात 12.27 बजे से देर रात 03.00 बजे तक (16 जुलाई)
चतुर्थ चरण की पूजा- रात 03.00 बजे से सुबह 05.33 बजे तक (16 जुलाई)
इस पवित्र दिन पर शिव भक्त भगवान को विभिन प्रकार की सामग्री अर्पण कर उन्हें मनाते हैं. सनातन धर्म के शास्त्र और पंडितों द्वारा बताया जाता है कि दूध, दही, शहद, शक्कर और घी का प्रयोग कर भगवान का अभिषेक किया जाना चाहिए, जिसे पंचामृत कहा जाता है. बेलपत्र, धतूरा, भांग के पत्ते और चंदन इत्यादि शिवलिंग पर चढ़ा कर भोलेनाथ का 108 बार ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. भगवान को सच्चे मन से मान कर उनका पूजन करने पर भोलेनाथ अपने भक्तों की इच्छा जरूर पूर्ण करते हैं.
Sawan shivratri 2023: इस विधि और शुभ मुहूर्त में करें जलाभिषेक, मनोकामना होगी पूरी