सेटेनिक वर्सेस: नई दिल्ली। साहित्य जगत में बड़ा स्थान रखने वाले सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित चौटौक्वा इंस्टीट्यूशन में चाकू से जानलेवा हमला हुआ है। हमले के तुरंत बाद रुश्दी को वहां से एयरलिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया, जहां अभी उनका इलाज चल रहा है। सलमान रुश्दी कौन हैं? वो […]
नई दिल्ली। साहित्य जगत में बड़ा स्थान रखने वाले सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित चौटौक्वा इंस्टीट्यूशन में चाकू से जानलेवा हमला हुआ है। हमले के तुरंत बाद रुश्दी को वहां से एयरलिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया, जहां अभी उनका इलाज चल रहा है।
सलमान रुश्दी कौन हैं? वो पिछले कई दशकों से कट्टरपंथियों के निशाने पर क्यों हैं? आइए जानते हैं…
15 अगस्त 1947 जिस दिन भारत को सैकड़ो वर्षो की गुलामी के बाद ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी, उसी दिन सलमान रुश्दी का जन्म हुआ था। वे मुंबई के एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार से संबंध रखते है।
सलमान रुश्दी ने 15 अगस्त 1947 को आजादी की आधी रात अविभाजित हिंदुस्तान में जो बच्चे पैदा हुए, उनपर एक नॉवेल लिखा था। जिसका नाम है- मिडनाइट चिल्ड्रेन। ये किताब इतनी प्रसिद्ध हुई कि उन्हें इसके लिए बुकर सम्मान मिला। ये रुश्दी का दूसरा नॉवेल था।
रुश्दी ने साल 1988 में एक और किताब लिखी। जिसका नाम उन्होंने रखा सेटेनिक वर्सेस। उनकी इस किताब को लेकर पूरी दुनिया में खूब हंगामा हुआ। वो मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए। किताब को लेकर बवाल और विवाद इतना बढ़ा कि लोग खून-खराबे पर उतर आए।
सेटेनिक वर्सेस पर बढ़ते बवाल को देखते हुए भारत में इस किताब को बैन कर दिया गया। इसके बाद साल 1989 में ईरान ने सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। इसी किताब को लेकर कुछ ही दिन बाद मुंबई में एक दंगा हुआ। जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। ब्रिटेन की सड़कों पर भी कट्टरपंथियों ने रुश्दी के पुतले फूंके और किताब जलाई।
फतवा जारी होने और लगातार मिल रही जान से मारने की धमकी के बाद सलमान रुश्दी लगभग एक दशक तक सेफ हाउस में रहे। हालांकि इस दौरान भी उन्होंने लिखना जारी रखा। एक दशक बाद धीरे-धीरे उनका जीवन सामान्य हुआ और वो सार्वजनिक जीवन में वापस आए।
बता दें कि सलमान रुश्दी की चर्चा साहित्य की दुनिया में बुकर पुरस्कार जीतने वाली मिडनाइट चिल्ड्रेन के लिए कम होती है और सेटेनिक वर्सेस के लिए ज्यादा होती है। इसकी वजह बताई जाती है कि इस नॉवेल का विषय इस्लाम धर्म के खिलाफ है। रुश्दी ने अपनी इस किताब में पैगंबर मुहम्मद को झूठा और पाखंडी कहा है। उन्होंने पैगंबर की 12 बीवियों के लिए भी किताब में आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया हैं।
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