नई दिल्ली: रूस की राजधानी मॉस्को पर पहली बार बड़ा ड्रोन हमला हुआ है. यूक्रेन को पहली बार रूसी राजधानी पर हमला करने में सफलता मिली है. हालांकि इससे पहले भी रूस पर यूक्रेन कई हवाई हमले कर चुका था लेकिन हर बार रूस के एयर डिफेंस सिस्टम ने इसे नाकाम कर दिया था. ऐसे […]
नई दिल्ली: रूस की राजधानी मॉस्को पर पहली बार बड़ा ड्रोन हमला हुआ है. यूक्रेन को पहली बार रूसी राजधानी पर हमला करने में सफलता मिली है. हालांकि इससे पहले भी रूस पर यूक्रेन कई हवाई हमले कर चुका था लेकिन हर बार रूस के एयर डिफेंस सिस्टम ने इसे नाकाम कर दिया था. ऐसे में सवाल ये है कि क्या रूस का एयर डिफेंस सिस्टम फेल हो गया है जिस वजह से यूक्रेन इस ड्रोन हमले में कामयाब हुआ?
रविवार (30 जुलाई) को हुए इस हमले में किसी भी तरह की हताहत की कोई खबर नहीं है. मॉस्को के दो ऑफिस टावर को नुकसान पहुंचा है जिसके बाद सड़कों पर ट्रैफिक रोक दिया गया है. बता दें, सीमाई क्षेत्रों में रूस लगातार स्ट्राइक कर रहा है. मॉस्को की बात करें तो ये सीमा क्षेत्र से 500 किलोमीटर की दूरी पर है. इस साल मॉस्को और उसके आस पास के इलाकों पर यूक्रेन ने शायद ही कोई हमला किया हो. इसलिए रविवार को हुई ड्रोन स्ट्राइक नई है. मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने बताया कि हालिया ड्रोन स्ट्राइक की सीरीज में यूक्रेन की ये स्ट्राइक नई है जिसके बाद सड़क मार्ग के साथ-साथ हवाई मार्ग भी प्रभवित हुआ है.
शहर के वनुकोवो एयरपोर्ट पर उड़ानें बंद हो गई है जो पिछले महीने भी स्ट्राइक के बाद बंद हो गई थीं. पिछले महीने इस एयरपोर्ट पर रूस ने पांच ड्रोन को मार गिराया था. बता दें, रूस ने मॉस्को में एयर एंड मिसाइल डिफेंस आर्मी तैनात कर रखी जो शहर को किसी भी हमले से बचाती है. S-400, S-350, और S-500 एयर डिफेंस सिस्टम का जखीरा भी मॉस्को में है. इसके अलावा सरफेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी इस शहर की रक्षा करता है. अत्याधुनिक हथियारों के बावजूद भी रविवार को हुए ड्रोन हमले को नहीं रोका जा सका जो सवालों के घेरे में है.
राष्ट्रपति पुतिन के आधिकारिक आवास के बाहर भी हाल ही में पैंटिर-एस1 सिस्टम तैनात किया गया था जिससे यूक्रेन की स्ट्राइक से बचा जा सके. बता दें, मॉस्को स्थित नोवो-ओगारियोवो में पुतिन रहते हैं.