UNSC: नई दिल्ली, युद्धग्रस्त यूक्रेन में जंग की वजह से पैदा हुए मानवीय संकट के मसौदा प्रस्ताव पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मतदान हुआ. इस मतदान में सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 13 सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया. जिसके बाद प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका. बता […]
नई दिल्ली, युद्धग्रस्त यूक्रेन में जंग की वजह से पैदा हुए मानवीय संकट के मसौदा प्रस्ताव पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मतदान हुआ. इस मतदान में सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 13 सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया. जिसके बाद प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका. बता दे कि इस प्रस्ताव में यूक्रेन और रूस के बीच तत्काल शांतिपूर्ण समाधान के लिए राजनीतिक वार्ता और मध्यस्थता का आग्रह किया गया था।
रूस द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रस्तावित इस प्रस्ताव में रूसी सेना के यूक्रेन पर हमले का की जिक्र नहीं था. हालांकि रूस ने यूक्रेन में इस समय मानवीय जरूरतों की मांग को स्वीकार करते हुए बच्चों और महिलाओं समेत गंभीर परिस्थियों में जीवन व्यतीत कर रहे लोगों को संरक्षित करने का उल्लेख किया था. इस प्रस्ताव में युद्धस्थल से नागरिकों को निकालने के लिए वार्ता के माध्यम से सीजफायर की बात भी कही गयी थी।
सुरक्षा परिषद में रूस के इस प्रस्ताव के मतदान में 15 सदस्य देशों में से 13 देशों ने दूरी बनाकर रखी. जिसमें भारत, अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको, नॉर्वे, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस रूस यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन), संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे. बता दे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या 15 है. इसमें किसी भी प्रस्ताव के पास होने के लिए 9 लोगों के समर्थन की आवश्यकता होती है. इसमें भी अगर वीटों पावर रखने वाले पांच स्थायी सदस्य देश अमेरिका, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन और रूस अपने शक्तियों यानि वीटो पावर का इस्तेमाल न करे।
यूक्रेन में मानवीय संकट को केंद्र में रखकर रूस द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में सिर्फ चीन ने समर्थन किया. 15 सदस्यों में रूस और चीन को छोड़ दिया जाए तो बाकि बचे 13 देशों ने इस प्रस्ताव में मतदान से दूरी बनाकर रखी. इस प्रस्ताव के खारिज होने को रूस की सुरक्षा परिषद में शर्मनाक हार के रूप में देखा जा रहा है।