नई दिल्ली: दिल्ली मेयर चुनाव के बाद देर रात एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. बीजेपी के पार्षदों और आप पार्षदों के बीच हाथापाई हुई है. सीवीक सेंटर में सड़क छाप हालात देखने को मिल रहे हैं. मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के बीच सारी मर्यादाओं को तोड़ते हुई पार्षदों ने एक दूसरे पर पानी की बौछार करनी शुरू कर दी.
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने आप विधायकों पर यह कथीत आरोप लगाते हुए कहा कि वोटिंग के दैौरान फोन के इस्तेमाल करने से सदन का मर्यादा भंग होता है. बता दें कि सदन के में पार्षदों के बीच बोतल से पानी की बौछार हुई है.एमसीडी में आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच झड़प शुरू हो गई है. बीजेपी के पार्षदों ने आप के पार्षदों को धकेला. एक-दूसरे के साथ हाथापाई की नौबत तक आ गई है. दोनों पार्टी के पार्षदों के बीच झड़प हुई.
MCD स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव अभी होने बाकी है जहां चुनाव होने से पहले ही एक बार फिर सदन में बवाल हो गया है. आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों के बीच झड़प होने की ख्रबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार भाजपा के परशरों ने आम आदमी पार्टी के कुछ पार्षदों को धकेला जिसके बाद दोनों ओर से हाथापाई शुरू हो गई. दोनों पार्टियों के पार्षदों की झड़प के बीच चुनाव पार्षदों ने एक-दूसरे के ऊपर पानी भी छिड़का। बता दें, पहले से ही स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर धांधली के आरोप मढ़े थे.
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि वो नहीं चाहते कि मेयर का चुनाव हो. साथ ही बीजेपी के विधायक हंस राज हंस ने भी इसपर बयान दिया. देखा जा सकता है कि सदन के अंदर कागज के टुकरों को फेंकते हुए देखा जा सकता है. इस बीच आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी बीजेपी के पार्षदों के सामने हाथ जोड़ती और आप पार्षदों को शांत कराते नजर आ रही थीं.
दरअसल पांच पार्षदों ने वोट तो डाला लेकिन बैलेट पेपर वापस ही नहीं किया. इसी बात को लेकर इस समय दिल्ली नगर निगम सदन में पार्षदों का हंगामा जारी है. बताया जा रहा है कि सदन में 5/5 पार्षदों को बुलाकर वोटिंग कराई जा रही थी. वोटिंग के लिए 5 पार्षदों को जैसे ही बुलाया गया, सदन में हंगामा हो गया. इस दौरान जिन 5 पार्षदों को वोटिंग के लिए बैलेट दिए गए थे उन्होंने बैलेट पेपर वापस नहीं लौटाए. मेयर काफी देर तक बैलेट पेपर वापस मांगती रही. लेकिन नाम लिए जाने के बाद भी पार्षदों ने बैलेट पेपर वापस नहीं किए. इस दौरान भाजपा पार्षदों की मांग मान लेने के बाद भी कमेटी के सदस्यों का चुनाव फंस गया है. अब तक 250 में से केवल 47 पर्षदों ने ही वोट डाला है.
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