नई दिल्ली. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी और महायुति में कांटे की लड़ाई है. लोकसभा चुनाव में महायुति यानी भाजपा-शिवसेना शिंदे गुट व एनसीपी अजित पवार गुट को करारा झटका लगा था और महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार गुट ने 30 सीटें जीती […]
नई दिल्ली. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी और महायुति में कांटे की लड़ाई है. लोकसभा चुनाव में महायुति यानी भाजपा-शिवसेना शिंदे गुट व एनसीपी अजित पवार गुट को करारा झटका लगा था और महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार गुट ने 30 सीटें जीती थी. विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं दोनों गठबंधनों में लडाई है लेकिन एक लड़ाई दोनों गठबंधन के अंदर भी चल रही है कि कौन बनेगा सीएम?
महाराष्ट्र के सांगली जिले के शिराला पहुंचे थे केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह. चुनावी सभा में उन्होंने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में लोग चाहते हैं कि महायुति सरकार सत्ता में रहे और देवेंद्र फडणवीस की जीत हो. शाह ने कहा कि डेढ़ महीने पहले की बात है पूरे राज्य का दौरा किया था. विदर्भ, मुंबई, कोंकण, कोल्हापुर, उत्तर महाराष्ट्र में गया. जहां भी गया एक ही जनभावना दिखी कि महायुति की सरकार बनाना है और देवेंद्र फ़डणवीस को विजयी बनाना है.
उन्होंने आगे जोड़ा केंद्र में नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार है. राज्य में महायुति को सत्ता में लाना है और फडणवीस को जिताना है से मतलब साफ है कि भाजपा प्लान कर चुकी है कि सत्ता मिली तो फडणवीस सीएम होंगे. गौर करने वाली बात है कि महायुति की तरफ से सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया गया है और डिप्टी चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस कह चुके हैं कि परिणाम आने के बाद तय कर लिया जाएगा कि कौन सीएम बनेगा.
अमित शाह के संकेत के बाद महायुति में इस पर राजनीति गरमाने लगी है और दूसरे डिप्टी चीफ मिनिस्टर व एनसीपी नेता अजिप पवार ने कहा है कि परिणाम आने के बाद साथ में बैठेंगे और बात करेंगे. जबकि शिवसेना नेता और पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने कहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता के रूप में शाह ने यह बयान दिया है. दरअसल गठबंधन की राजनीति में जो भी दल शामिल होते हैं वो चाहते हैं कि सत्ता में उनकी अधिक से अधिक भागीदारी हो और उनके दल का नेता सीएम बने.
एकनाथ शिंदे शिवसेना से अलग होकर जब आये तो भाजपा ने उन्हें इसलिए सीएम बनाया था क्योंकि उनकी वजह से एमवीए सरकार गिरी थी. इसका उन्हें इनाम दिया गया था. उस समय देवेंद्र फडणवीस सीएम पद के दावेदार थे लेकन डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा था. वो ये पद स्वीकार करने को तैयार नहीं थे क्योंकि वह सीएम रह चुके थे. बताते हैं कि शाह के मनाने पर ही वह डिप्टी सीएम बनने को तैयार हुए थे और अब वही शाह उनके लिए पिच तैयार कर रहे हैं. ये तो वक्त बताएगा कि चुनाव में कौन सा गठबंधन कितनी सीटें जीतता है और किसके सिर पर सीएम का ताज सजता है.
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