नई दिल्ली: महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों में पैसा हो चुका है जहां राष्ट्रपति का अप्रूवल मिलते ही ये बिल कानून बन जाएगा. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला आरक्षण बिल पर बातचीत की है. […]
नई दिल्ली: महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों में पैसा हो चुका है जहां राष्ट्रपति का अप्रूवल मिलते ही ये बिल कानून बन जाएगा. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला आरक्षण बिल पर बातचीत की है. राहुल गांधी ने इस बिल को बड़ी अच्छी चीज़ बताया है. उन्होंने कहा, ये बिल बड़ी अच्छी चीज़ है लेकिन लागू कब होगा ये साफ़ नहीं है.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि सबसे पहले आरक्षण लागू करने के लिए जनगणना होती और डिलिमिटेशन करवाया जाएगा. ऐसा करने में सालों लगेंगे जहां ये भी नहीं पता कि ये होगा या नहीं. इस दौरान कांग्रेस नेता ने आरक्षण के जरिए केंद्र सरकार पर ‘डायवर्जन’ का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ओबीसी सेंसस से डायवर्जन हो रहा है. केंद्र सरकार में सेक्रेटरी और कैबिनेट सेक्रेटरी की जातीय कैटगरी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह ओबीसी के लिए इतना ही काम कर रहे हैं तो 90 में सिर्फ तीन लोग ही ओबीसी कैटगरी से क्यों हैं? देश के पांच फीसदी बजट को ओबीसी ऑफिसर्स कंट्रोल कर रहे हैं.
प्रेस वार्ता में केंद्र सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता आगे कहते हैं कि हर रोज प्रधानमंत्री ओबीसी प्राइड की बात करते हैं लेकिन पीएम ने उनके लिए क्या किया? संसद में प्रधानमंत्री ओबीसी रिप्रेजेंटेशन की बात करते हैं लेकिन इससे क्या होगा? डिसीजन मेकर्स में सिर्फ 5 फीसदी को ही जगह क्यों दी गई? क्या देश में
ओबीसी की आबादी केवल पांच फीसदी है? कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अब मुझे ये पता लगाना है कि हिंदुस्तान में कितने ओबीसी हैं? और कितनों को उनके हिसाब से भागीदारी मिल रही है?
जब राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में ये पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात का अफसोस है कि UPA की सरकार 2010 में द्वारा लाए गए विधेयक के तहत OBC कोटा प्रदान नहीं कर पाई थी. इस पर राहुल ने कहा, “100% अफसोस है. यह उस समय किया जाना चाहिए था और अब हम इसे पूरा करके छोड़ेंगे.”