रेपो रेट: नई दिल्ली। आरबीआई ने जून माह में एक बार फिर से रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया है। इस बार आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। अब रेपो रेट 4.40 प्रतिशत से बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गया है। बता दें कि गर्वनर शक्तिकांत दास ने आरबीआई […]
नई दिल्ली। आरबीआई ने जून माह में एक बार फिर से रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया है। इस बार आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। अब रेपो रेट 4.40 प्रतिशत से बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गया है। बता दें कि गर्वनर शक्तिकांत दास ने आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया है।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने के फैसले के बाद अब होम लोन से लेकर ऑटो लोन और एजुकेशन लोन लेना महंगा हो जाएगा। बता दें कि जिन लोगों ने पहले से ही होम लोन लिया हुआ है उनकी ईएमआई अब और महंगी हो जाएगी।
आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट बढ़ाने का फैसला तीन दिनों की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद लिया है। बता दें कि आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 6 जून को शुरू हुई थी। जिसका आज आखिरी दिन है। खुदरा महंगाई दर अप्रैल महीने में 7.79 फीसदी रहा है। जो पिछले 8 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर है। यही कारण है कि आरबीआई को रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा है।
गौरतलब है कि इससे पहले 4 मई को भी आरबीआई ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। उस वक्त रेपो रेट 4.40 फीसदी कर दिया गया था। आरबीआई के इस फैसले के बाद सभी बैंकों ने कर्ज महंगा कर दिया था। जिससे लोगों की ईएमआई पर असर हुआ था। तब सीआरआर में भी आरबीआई ने 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी करके उसे 4.50 फीसदी कर दिया था।
आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने बढ़ती महंगाई पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि इस वक्त महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। गर्वनर ने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध चलते सप्लाई में काफी दिक्कतें हुई है। जिसके चलते महंगाई बढ़ी है। उन्होंने आगे कहा कि कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आरबीआई कदम उठाता रहेगा।
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