नई दिल्लीः अयोध्या में बने भव्य राममंदिर के गर्भगृह में रामलला आसन पर विराजमान हो गए हैं। उनकी अचल मूर्ति को बुधवार यानी 17 जनवरी की देर रात गर्भगृह में पहुंचा दिया गया था। इसके लिए कर्मकांड गुरुवार यानी 18 जनवरी की दोपहर में ही शुरु कर दिए गए थे। कर्मकांड के साथ गणेश पूजन भी हुआ। पूजन के दौरान ही भगवान रामलला को पवित्र नदियों के जल से स्नान कराया गया।
इससे पहले बुधवार को रामलला की चांदी की प्रतिमा को राममंदिर परिसर का भ्रमण कराया गया था। बता दें कि पहले रामलला की अचल मूर्ति को जन्मभूमि परिसर में भ्रमण कराने की योजना थी लेकिन सुरक्षा-व्यवस्था और मूर्ति का वजन अधिक होने के कारण परिसर भ्रमण की रस्म रामलला की चांदी से बनी हुई प्रतिमा से कराई गई।
10 किलो वजन वाली चांदी की प्रतिमा को मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा ने पालकी पर विराजमान कर नगर का परिक्रमा कराया। इस बीच राम मंदिर परिसर वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजता रहा। आचार्यों, मंदिर निर्माण में लगे इंजीनियरों व सुरक्षाकर्मियों ने प्रतिमा पर पुष्पों की वर्षा की। विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक मंडल के सदस्य दिनेश चंद्र व डॉ. अनिल ने रामलला की चांदी से बनी प्रतिमा का पूजन किया। इसके बाद निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने गर्भगृह में सिंहासन की पूजा अर्चना की।
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