अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हुए Ashok Gehlot! कमलनाथ होंगे फ्रंट रनर ?

नई दिल्ली. राजस्थान कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है, बीते दिन गहलोत के समर्थकों ने इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद से ही सियासी घमासान मचा हुआ है, सोनिया गाँधी ने विधायकों को समझाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था. रात भर ड्रामा चला, जिसके बाद अब खड़गे और […]

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अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हुए Ashok Gehlot! कमलनाथ होंगे फ्रंट रनर ?

Aanchal Pandey

  • September 26, 2022 5:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. राजस्थान कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है, बीते दिन गहलोत के समर्थकों ने इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद से ही सियासी घमासान मचा हुआ है, सोनिया गाँधी ने विधायकों को समझाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था. रात भर ड्रामा चला, जिसके बाद अब खड़गे और माकन दिल्ली लौट गए हैं. वहीं, अब इस सियासी घमासान के बीच कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर दिया गया है. मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हैं, वहीं बैकफुट से एक और नाम की एंट्री हो रही है और वो नाम है कमलनाथ.

CWC ने की ये सिफारिश

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच सोनिया गाँधी ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मिलने के लिए बुलाया है. माना जाता है कि गहलोत से कमलनाथ के अच्छे रिश्ते हैं और संकट सुलझाने का जिम्मा उन्हें सौंपा जा सकता है, वहीं ये भी कहा जा रहा है कि कमलनाथ को अध्यक्ष पद की रेस में शामिल किया जा सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले CWC ने सोनिया गांधी से गहलोत को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर करने की सिफारिश की थी. रिपोर्ट्स की मानें तो नाराज सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने गहलोत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. जानकारी के मुताबिक उन्होंने सोनिया गांधी से कहा कि, “अशोक गहलोत पर विश्वास करना और उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी देना पार्टी के भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा, CWC सदस्यों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व को गहलोत की उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करना चाहिए”.

गौरतलब है, सोनिया गांधी ने पिछले हफ्ते गहलोत और शशि थरूर दोनों से कहा था कि अध्यक्ष पद के लिए कोई भी लड़े, वो किसी का पक्ष नहीं लेंगी, जिसके बाद गलहोत का नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहा था, लेकिन गहलोत गुट के 90 से अधिक विधायकों ने राजस्थान में मोर्चा खोल दिया जिसके चलते गहलोत के नंबर आलाकमान के सामने कम हो गए हैं. ऐसे में, गहलोत का अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होना तय है.

 

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