राजस्थान Rajasthan में कोरोना के साथ बढ़ते डेंगू dengue के प्रकोप ने लोगों की नींद उड़ा दी है। प्रदेश में ओमिक्रॉन के साथ-साथ डेंगू के रिकॉर्ड तोड़ 20 हजार मामले सामने आए हैं। डराने वाले इन आंकड़ो में अकेले राजधानी जयपुर से ही करीब 3500 मामले हैं। इसके बाद कोटा दूसरे और जोधपुर तीसरे नंबर […]
राजस्थान Rajasthan में कोरोना के साथ बढ़ते डेंगू dengue के प्रकोप ने लोगों की नींद उड़ा दी है। प्रदेश में ओमिक्रॉन के साथ-साथ डेंगू के रिकॉर्ड तोड़ 20 हजार मामले सामने आए हैं। डराने वाले इन आंकड़ो में अकेले राजधानी जयपुर से ही करीब 3500 मामले हैं। इसके बाद कोटा दूसरे और जोधपुर तीसरे नंबर पर है। डेंगू की बढ़ती रफ्तार से प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा भी घबराया हुआ है।
राजस्थान में एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से 54 लोगों की मौत हो चुकी है। ये अभी तक देश में किसी राज्य में हुई मौतों में सबसे ज्यादा है। अगर पिछले कुछ साल के आंकड़ो को देखें तो वर्ष-2015 में दिल्ली, 2016 में यूपी, 2017-18 व 19 में महाराष्ट्र, और 2020 में पंजाब डेंगू से मरने वालों में पहले नंबर पर रहे थे। लेकिन इस साल राजस्थान ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए है। राजस्थान के करीब सभी जिलो में डेंगू फैल चुका है। इन जिलों में मुख्यत: बीकानेर, अलवर, धौलपुर, झालावाड़, करौली, उदयपुर, बाड़मेर, भरतपुर, चूरू और जोधपुर शामिल हैं।
राजस्थान में डेंगू के बढ़ते मामलों का सबसे बड़ा कारण डेंगू के डेन-2 वेरिएंट को बताया जा रहा है। स्वास्थ्य जानकारों के मुताबिक डेन-2 वेरिएंट मरीज के लीवर और फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर डालता है। इसकी शुरुआत सबसे पहले मरीज को पेट दर्द और तेज बुखार होने के रुप में होती है। बाद में ये वेरिएंट मरीज के गॉलब्लेडर, लीवर और फेफड़े पर असर करने लगता है। दिक्कत की बात ये है कि इससे होने वाले शुरुआती बुखार में प्लेटलेट्स कम नहीं होते। जिसके कारण वेरिएंट की पहचान नहीं हो पाती।
डेंगू की रोकथाम के लिए राजस्थान स्वास्थ्य विभाग लगातार भरसक प्रयास कर रहा है। प्रदेश में डोर टू डोर सैंपलिंग अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम संदिग्ध लोगों के घरों में जाकर उनके ब्लड सैंपल को लैब जांच के लिए भिजवा रही है। इसके अलावा जिन इलाकों में डेंगू की ज्यादा शिकायते मिल रही हैं वहां नगर निगम के कर्मचारी फॉगिंग और लार्वा मारने की दवाइयों का छिड़काव करने पहुंच रहे हैं।