नई दिल्ली : ओडिशा रेल हादसे में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है वहीं हजारों लोग इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिनका आस-पास के कई अस्पतालों में इलाज जारी है. इसी बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस घटना की […]
नई दिल्ली : ओडिशा रेल हादसे में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है वहीं हजारों लोग इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिनका आस-पास के कई अस्पतालों में इलाज जारी है. इसी बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस घटना की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
रेल मंत्रालय की सदस्य जया वर्मा ने मीडिया को बताया कि हादसे के बाद सबसे पहले रिलीज फॉर रेस्क्यू किया यगा जो अब पूरा हो चुका है. अब रीस्टोरेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि बालासोर जिले में बहनगा बाजार रेलवे स्टेशन है जहां ये हादसा 2 जून, शुक्रवार शाम 6:55 बजे हुआ और कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उन्होंने बताया कि स्टेशन पर जो दो गाड़ियां खड़ी थीं वह भी इस हादसे की चपेट में आ गईं. दो मेल एक्सप्रेस गाड़ियों को उस समय स्टेशन से अलग-अलग दिशाओं से गुजरना था. स्टेशन पर दो मेन लाइन हैं जहां बिना रुके ट्रेनें आया जाया करती हैं इसे ही लूप लाइन कहा जाता है जहां गाड़ियां रोकी जाती हैं.
प्रेस वार्ता में रेलवे बोर्ड ने बताया कि जिस समय हादसा हुआ उस समय लूप लाइन पर 2 गाड़ियां खड़ी थीं जिन्हें वहाँ रोका गया था ताकि बाकी लाइन पर रुकने वाली ट्रेनें गुजर सकें. यशवंतपुर एक्सप्रेस चेन्नई की तरफ से आ रही थी जिसकी आवाज़ आ रही थी. कोरोमंडल से कुछ सेकंड पहले ये गाड़ी आ रही थीं. इस बीच कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई जाने के लिए हावड़ा की दिशा से शालीमार रेलवे स्टेशन से आ रही थी. इसके लिए सिग्नल हरा कर दिया गया था और सब कुछ सेट था. इस दौरान रेल बोर्ड ने ओवरस्पीडिंग की किसी भी बात से इनकार किया है जहां जया वर्मा ने बताया कि लोको पायलट को सिग्नल ग्रीन दिखाया जा रहा था इसलिए उसे सीधा जाना था.
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