नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को श्रीनगर में खत्म हो गई। तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई इस पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होते हुए गुजरे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा है कि उनकी ये पदयात्रा बेरोजगारी, महंगाई, नफरत और हिंसा जैसे समाज को तोड़ने वाले कारकों के खिलाफ है।
राहुल गांधी ने अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की। राहुल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूरे समय खबरों में बने रहे। भारत के साथ-साथ विदेशी मीडिया में भी कांग्रेस की इस यात्रा को खासा कवरेज मिली। इस्लामिक देशों, पाकिस्तान, यूएई, तुर्की आदि के प्रमुख अखबारों में राहुल गांधी की यात्रा पर कई आर्टिकल्स छपे।
पड़ोसी देश पाकिस्तान का प्रमुख अखबार डॉन लिखता है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी का कर्नाटक में हिजाब पहने हुए स्कूली लड़की का हाथ थामना दिखाता है कि वो भी उसी विचारधारा से आते हैं, जो गांधी और नेहरू की विचारधारा थी। अपने एक लेख में अखबार ने लिखा है कि पांच महीने की भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने अपनी बीमार पार्टी और देश की खराब हालत को सुधारने की कोशिश की है। 12 राज्यों घूमना और 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करना कोई चमत्कारिक उपलब्धि नहीं है। बिना कैमरे की मौजूदगी में समुद्र में गोते लगाना भी कोई बड़ा चमत्कार नहीं है।
मुस्लिम देश कतर में स्थित अंतरराष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर अलजजीरा ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में लिखा है कि भारत का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है। इस नफरत के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी यात्रा के जरिए प्यार से देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं। अलजजीरा ने आगे लिखा है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से देश में सांप्रदायिक सद्भाव चिंता का विषय बना हुआ है। आलोचकों का कहना है कि बीजेपी सरकार मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए विवादास्पद नागरिकता कानून समेत कई कानून बनाए हैं। मोदी के सत्ता में आने के बाद धुर-दक्षिणपंथी हिंदू समूहों ने अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों पर हमले बढ़ा दिए हैं।
इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात के अखबार खलीज टाइम्स ने कहा है कि लोगों को भले ही लगता हो कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी के लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है लेकिन सच्चाई को ये है कि उनको अब भी अधिकतर लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। हालांकि राहुल अभी इस छवि को सुधारने की कोशिश जरूर कर रहे हैं। अखबार ने आगे कहा है कि कुछ लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा मोदी को चुनौती दे सकती है, लेकिन एक बड़ा सच यह है कि वो अपनी पप्पू की छवि को बदलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि लोग उन्हें गंभीरता से लेना शुरू करें।
मुस्लिम बहुल देश तुर्की के सरकारी ब्रॉडकास्टर टीआरटी वर्ल्ड में छपी एक रिपोर्ट में लिखा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए भारत जोड़ो यात्रा को शुरू किया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि भारत में अभी भी कई लोग कांग्रेस से उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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