नई दिल्ली, पंजाब की अमृतसर पूर्व से नवजोत सिंह सिद्धू को बढ़त मिलती दिखाई पड़ रही है.
साल 2022 में हो रहे पांच राज्यों के चुनावों में उत्तरप्रदेश के बाद पंजाब के नतीजों पर सभी की नज़र तिकी हुई है. इसके पीछे कई कारण हैं. इस किसान आंदोलन, कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक से लेकर आम आदमी पार्टी के पंजाब में जमते पैरों ने पंजाब की सियासी भट्टी को इस साल काफी गर्म रखा.
बनते बिगड़ते समीकरणों के कारण भी पंजाब की राजनीती इस समय काफी ख़ास है. सबसे ज़्यादा रोचक मानें जाने वाले प्रदेश उत्तरप्रदेश के चुनावों के बाद सभी नज़रे पंजाब के नतीजों को देख रही है. पिछले चुनावों में कांग्रेस को 10 वर्षों के बाद सत्ता का स्वाद चखने को मिला. जहां कांग्रेस के बाद बाकि पार्टियों को पीछे धकेलते हुए पंजाब की विधानसभा में विपक्ष के तौर पर आम आदमी पार्टी उभरी. इसे एक उपलब्धि के तौर पर ही देखा गया. क्योंकि अब तक जैसे राजनितिक इतिहास पंजाब का रहा उसने किसी और पार्टी को अपने विधानी रण में जगह नहीं दी.
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