प्रदर्शनकारी पहलवान गंगा में प्रवाहित करेंगे अपना मेडल, इंडिया गेट पर धरना देने का ऐलान

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले पहलवानों ने अब बड़ा ऐलान किया है. पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर कहा है कि वे अपने जीते हुए मेडलों को गंगा नदी में प्रवाहित करेंगे. इसके साथ ही पहलवानों […]

Advertisement
प्रदर्शनकारी पहलवान गंगा में प्रवाहित करेंगे अपना मेडल, इंडिया गेट पर धरना देने का ऐलान

Vaibhav Mishra

  • May 30, 2023 1:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले पहलवानों ने अब बड़ा ऐलान किया है. पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर कहा है कि वे अपने जीते हुए मेडलों को गंगा नदी में प्रवाहित करेंगे. इसके साथ ही पहलवानों ने अब इंडिया गेट पर धरना देने का ऐलान किया है.

पहलवानों ने बयान में क्या कहा?

पहलवानों ने अपने बयान में कहा है कि हम अपने मेडलों को गंगा नदी में प्रवाहित करने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं, हम जितना पवित्र गंगा मां को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने इन मेडलों को जीता है. इसके साथ ही पहलवानों ने कहा कि 28 मई के दिन जो कुछ हुआ वो सभी ने देखा है. पुलिस ने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया? हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, लेकिन हमें बर्बरता से गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने आंदोलन की जगह छीनी

प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा कि पुलिस ने हमारे आंदलोन की जगह को भी हमसे छीन लिया. उन्होंने अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली. क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांग कोई अपराध किया है? पुलिस और शासन हमारे साथ अपराधियों जैसा सलूक कर रहा है. खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कसी जा रही है.

अब इंडिया गेट के पास देंगे धरना

पहलवानों ने आगे कहा कि मेडल हमारी जान और आत्मा हैं. इनके गंगा नदी में प्रवाहित हो जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब नहीं रह जाता है. इसलिए हम अब इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे. इंडिया गेट हमारे देश उन वीर शहीद जवानों की जगह है, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपनी देह त्याग दी. पहलावानों ने अपने बयान में कहा कि हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए हमारे अंदर भी उन सैनिकों जैसी ही भावना है.

Advertisement