नई दिल्ली. देश में बढ़ते कोरोना Corona और ओमिक्रॉन वेरिएंट Omicron variant के मद्देनजर आज यानि सोमवार से प्रीकॉशन डोज देने का अभियान शुरु हो रहा है। हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा 60 साल के अधिक उम्र के बुजुर्गों को डॉक्टरी सलाह के बाद कोविड-19 टीके की एहतियाती खुराक precaution dose यानी बूस्टर डोज लगाई जाएगी। बता दें कि देश के पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। और इनमें चुनावी ड्यटी पर तैनात रहने वाले कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स माना गया है। ये पांचो राज्य हैं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को एक ट्वीट कर जानकारी दी है कि सोमवार से कोरोना की तीसरी डोज लगाने का कार्यक्रम शुरु हो रहा है। प्रीकॉशन डोज के लिए करीब एक करोड़ से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को एसएमएस भेजकर स्मरण कराया गया है।
एक अनुमान के मुताबिक प्रीकॉशन डोज लेने वाले लाभार्थियों में करीब 1.05 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी, 1.9 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 2.75 करोड़ 60 साल से अधिक उम्र के लोग आते हैं।
लोगों में कोरोना की तीसरी खुराक को लेकर कई भ्रातियां हैं। कोई इसे बूस्टर डोज कह रहा है तो कोई प्रीकॉशन डोज। कई लोगों को मानना है कि ये दोनों डोज एक न होकर अलग-अलग हैं। दरअसल ये चर्चा तब शुरु हुई जब पीएम मोदी ने बूस्टर डोज के स्थान पर एहतियातन यानि प्रीकॉशन डोज का इस्तेमाल किया था। बाद में सभी जगह कोरोना की तीसरी खुराक के लिए प्रीकॉशन डोज का इस्तेमाल किया जाने लगा। जबकि डॉक्टरों के अनुसार बूस्टर और एहतियाती डोज का मतलब एक ही है।
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