नई दिल्ली। देश को 28 मार्च को नया संसद भवन मिल जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नई इमारत का उद्घाटन करेंगे. इस बीच उद्घाटन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से नई संसद का उद्घाटन हो. 19 विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त बयान जारी कर इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार भी कर दिया है. विपक्षी दलों के इस रवैये पर केंद्र सरकार हैरान है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी दलों से इस बहिष्कार पर फिर से विचार करने की अपील की है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं को बताना चाहता हूं कि यह एक ऐतिहासिक घटना है. इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह राजनीति का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना और उसे मुद्दा बनाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं विपक्षी पार्टियों से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं.
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विपक्ष की सारी अटकलों को दूर कर दिया है. अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 28 मई को पीएम मोदी ही नई संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इस संसद को रिकॉर्ड समय में बनाया गया है और ये पीएम मोदी की दूरदर्शिता का प्रमाण है. शाह ने आगे कहा कि इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है. इस अवसर पर पीएम मोदी सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे.
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