September 8, 2024
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पीएम मोदी ने राम मंदिर बनाने वाले मजदूरों पर बरसाए फूल, कुबेर टीला में शिव का किया जलाभिषेक

  • WRITTEN BY: Vaibhav Mishra
  • LAST UPDATED : January 22, 2024, 4:54 pm IST

अयोध्या: रघुकुल के नंदन की नगरी अयोध्या में आज प्रभु श्रीराम अपने जन्मस्थान में विराजमान हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की. इसके बाद पीएम मोदी कुबेर टीला गए. जहां उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक किया. इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के निर्माण में शामिल रहे मजदूरों से मुलाकात की और उनके ऊपर फूल बरसाए. इसके साथ ही पीएम ने जटायू की मूर्ति का अनावरण भी किया.

35 मिनट का भाषण दिया

बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने 35 मिनट का भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे दृढ़ विश्वास और अपार विश्वास है कि प्रभु राम के भक्त आज इस ऐतिहासिक क्षण में पूरी तरह से डूबे हुए हैं. देश और दुनिया के कोने-कोने में प्रभु राम के भक्त बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं. मैं यह महसूस कर रहा हूं. यह क्षण दिव्य है, यह क्षण सबसे पवित्र है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वनवास के कालखंड के दौरान अयोध्यावासियों का प्रभु राम से अलगाव में केवल 14 वर्ष का था. लेकिन इस दौर में अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों को अलगाव सहा है. हमारी कई पीढ़ियों ने इस अलगाव को झेला है.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ये सामान्य समय नहीं है. यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं. उन्होंने कहा कि साथियों हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य ही विराजमान होते हैं. पीएम ने कहा कि मैं रामभक्त हनुमान को प्रणाम करता हूं. मैं माता जानकी, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को प्रणाम करता हूं. पीएम ने कहा कि मैं सबको प्रणाम करता हूं.

(पीएम मोदी का संबोधन)
(पीएम मोदी का संबोधन)

22 जनवरी तारीख नहीं…

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूं. वे दिव्य आत्माएं, वे दैवीय विभूतियां भी हमारे आसपास ही उपस्थित हैं. उन्होंने कहा कि मैं इन सबको नमन करता हूं. मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये काम नहीं कर पाए. 22 जनवरी का सूर्योदय एक अद्भुत चमक को लेकर आया है. 22 जनवरी 2024, सिर्फ कैलेंडर पर लिखी तारीख नहीं है, बल्कि यह एक नए समय चक्र की उत्पत्ति है.

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