नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने सभी को आदि महोत्सव की शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि आज जैसे भारत की अनेकता और भव्यता एक साथ खड़ी हो गई हैं। यह भारत के उस […]
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने सभी को आदि महोत्सव की शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि आज जैसे भारत की अनेकता और भव्यता एक साथ खड़ी हो गई हैं। यह भारत के उस अनंत आकाश की तरह है, जिसमें देश की विविधताएं इंद्रधनुष की तरह उभर कर सामने आ जाती हैं। यह अनंत विविधताएं हमें एक भारत- श्रेष्ठ भारत के सूत्र में पिरोती हैं।
आदि महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम विकास और विरासत के विचारों को और अधिक जीवंत बना रहा है। जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझते थे, सरकार अब उनके द्वार जा रही है और मुख्यधारा में ला रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं से जुड़ा विषय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आज सरकार उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जिनसे कभी संपर्क नहीं हो पाया था। मैंने देश के कोने-कोने में आदिवासी समाज और परिवार के साथ काफी समय बिताया है। मैंने आपकी परंपराओं को बहुत करीब से देखा है, उनसे सीखा है और उनको जिया भी है। आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे भारत की विरासत और परंपराओं के बारे मे काफी कुछ सिखाया है। मैं जब आपके बीच आता हूं तो मुझे अपनों से जुड़ने का भाव आता है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8-9 सालों में आदि महोत्सव जैसे कार्यक्रम देश के लिए आंदोलन की तरह बन गए हैं। मैं भी कई कार्यक्रमों में भाग लेता हूं। मैं ऐसा इसलिए करता हूं, क्योंकि मेरे लिए आदिवासी समाज का कल्याण व्यक्तिगत और भावनात्मक है। भारत आज वैश्विक मंचों से देश की आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है। भारत आज विश्व को बताता है कि अगर जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटना है तो हमारे आदिवासियों की जीवन परंपरा को देख लीजिए, आपको रास्ता मिल जाएगा।
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