नई दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं, देवेंद्र फडणवीस के ऐलान के बाद अब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलवा दी है. एकनाथ शिंदे के बाद देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम की शपथ ले ली […]
नई दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नए-नए ट्विस्ट आ रहे हैं, देवेंद्र फडणवीस के ऐलान के बाद अब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलवा दी है. एकनाथ शिंदे के बाद देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम की शपथ ले ली है. एकनाथ शिंदे के बाद राज्यपाल ने उन्हें भी शपथ दिलवा दी है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है.
Congratulations to Shri @Dev_Fadnavis Ji on taking oath as Maharashtra Deputy CM. He is an inspiration for every BJP Karyakarta. His experience and expertise will be an asset for the Government. I am certain he will further strengthen Maharashtra’s growth trajectory.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 30, 2022
मुख्यमंत्री बनने पर पीएम मोदी ने एकनाथ शिंदे को बधाई देते हुए ट्वीट कर लिखा, “एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनने पर बहुत-बहुत बधाई, वे हर एक भाजपा कार्यकर्ता के लिए प्रेरणाश्रोत हैं. उनका तजुर्बा सरकार के लिए एक संपत्ति की तरह है, मुझे उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र नई बुलंदियों को हासिल करेगा.”
असल में देवेंद्र फडणवीस का यह गेमप्लान ‘सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे’ की कहावत पर आधारित है, भाजपा ने यह दांव चलकर उद्धव ठाकरे से 2019 के ‘धोखे’ का बदला लिया है, भाजपा ने उस समय का बदला लिया है जब साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद शिवसेना ने पलटी मारते हुए कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. अजित पवार को तोड़कर फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें 24 घंटों के अंदर ही कुर्सी से उतरना पड़ा. अब फडणवीस ने ठाकरे का तख्तापलट करके वह बदला पूरा कर लिया है, लेकिन इस तख्तापलट के बाद फडणवीस को सीएम ना बनाकर भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि सत्ता के लालच में उद्धव की सरकार नहीं गिराई गई है.
शिंदे के साथ शिवसेना के 39 विधायकों की बगावत के बाद से उद्धव ठाकरे का खेमा लगातार इस पूरे घटनाक्रम में भाजपा को एक विलेन की तरह पेश करने की कोशिश कर रहा था. भाजपा पर सत्ता के लालच में बगावत करवाने और विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाना शुरू कर दिया था. अब भाजपा ने एक ही झटके में इस नैरेटिव को ध्वस्त कर दिया है.
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