नई दिल्ली: 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है जो 11 अगस्त तक चलेगा। मणिपुर के मुद्दे ने संसद की कार्यवाही में अड़ंगा लगा दिया है. जहां पिछले चार दिनों से संसद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ती नज़र आ रही है. पिछले कई सत्रों से संसद के कामकाज पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. इस बीच ये भी जानना जरूरी है कि आखिर संसद में एक दिन में कितना रूपया खर्चा किया जाता है.
साल में तीन बार संसद का सत्र होता है जिसमें पहला बजट सत्र है. ये सत्र फरवरी से लेकर मई तक रहता है. इसके बाद साल का मानसून सत्र आता है जो जुलाई महीने से अगस्त-सितंबर के बीच चलता है. अंत में शीतकालीन सत्र आता है जो नवंबर से दिसंबर के बीच चलता है. इसके अलावा संसद सत्र हफ्ते में 5 दिन यानी सोमवार से शुक्रवार तक चलता है. संसद में कार्यवाही का समय सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक निर्धारित है. शनिवार और रविवार के दिन संसद सत्र की छुट्टी रहती है.
सांसदों का वेतन और भत्ते आदि की सुविधाएं.
सचिवालय का खर्च और कर्मियों का खर्चा
– रोजाना संसद की कार्यवाही 6 घंटे तक चलती है.
– हर घंटे के हिसाब से संसद पर 1.44 करोड़ रुपए का खर्चा होता है.
– प्रति मिनट संसद का खर्च 1.6 लाख रुपए है.
– इसमें 138 करोड़ रूपए संसद चलने का खर्च + 6 करोड़ रूपए सांसदों के वेतन, भत्ते एवं आवास खर्च शामिल है.
लोकसभा के आंकड़ों के अनुसार संसद के सदस्यों को हर महीने वेतन के रूप में 50,000 रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा 45 हजार रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के तौर पर भी दिए जाते हैं. इसके अतिरिक्त 15,000 रुपए कार्यालय खर्च और सचिवीय सहायता के लिए 30,000 रुपए कुल मिलाकर एक सांसद पर 1.4 लाख रुपए का खर्चा किया जाता है. साल भर में सांसदों को 34 हवाई यात्राओं का खर्चा भी मिलता है. इसमें असीमित रेल और सड़क यात्रा के लिए सरकारी खर्चा भी शामिल है.
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