पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान Pakistan में निमोनिया बच्चों पर कहर बनकर टूटा है। सिंध प्रांत में निमोनिया Pneumonia से करीब 7,462 बच्चों के मौत की खबर सामने आई है। सिंध स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक साल 2021 में निमोनिया वायरस से प्रभावित होने वाले 27,136 बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र पांच साल से कम थी, 50 से […]
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान Pakistan में निमोनिया बच्चों पर कहर बनकर टूटा है। सिंध प्रांत में निमोनिया Pneumonia से करीब 7,462 बच्चों के मौत की खबर सामने आई है। सिंध स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक साल 2021 में निमोनिया वायरस से प्रभावित होने वाले 27,136 बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र पांच साल से कम थी, 50 से अधिक बच्चे जिनकी उम्र मात्र 5 साल थी और 8,534 किशोर एवं वयस्क शामिल हैं। विभाग के अनुसार सिंध के ग्रामीण इलाकों से 60% से अधिक मामले आए हैं जबकि 40 फीसदी प्रांत के शहरी हिस्सों में पाए गए हैं।
दुनियाभर मे बच्चों के कल्याण हेतु काम करने वाली संस्था यूनिसेफ भी निमोनिया की गंभीरता को बताती है। यूनिसेफ के अनुसार निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है। इस बीमारी में बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आने लगत है। उनके फेफड़े मवाद और तरल पदार्थ से भर जाते हैं। निमोनिया खासतौर से कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अटैक करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अनुसार दुनिया भर में निमोनिया से होने वाली कुल बच्चों की मृत्युदर 16 फीसदी है। भारत में भी निमोनिया एक प्रमुख समस्या बना हुआ है।
निमोनिया विशेषत: बच्चों और वयस्कों के लिए जानलेवा है। कुछ कारक हैं जो निमोनिया के कारण बनते हैं
बच्चों में पोषक तत्वों की कमी
कम सामाजिक आर्थिक स्थिति
धूम्रपान और सराब का सेवन
ऑर्गन ट्रांसप्लांट या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के रोगी हों
इसके अलवाला मधुमेह रोगियों को भी निमोनिया होने का खतरा रहता है।