नई दिल्ली। 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया जा चुका है। 2023 के लिए राष्ट्रपति ने कुल 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में कुल 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री भी शामि हैं। बता दें, इस बार कई ऐसे […]
नई दिल्ली। 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया जा चुका है। 2023 के लिए राष्ट्रपति ने कुल 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में कुल 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री भी शामि हैं। बता दें, इस बार कई ऐसे गुमनाम हीरो को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। जिनके बारे में देश के लोगों को जानकारी नहीं है। तो आइए इन लोगों से हम आपको मिलाते है। –
नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के रहने वाले गोंड ट्राइबल वुड कार्वर अजय कुमार मंडावी को कला ( लकड़ी पर नक्काशी) के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है। बता दें, अजय कुमार मंडावी का पूरा परिवार इस कला से जुड़ा हुआ है। नक्काशी की ये कला उन्हें विरासत में मिली है। मंडावी अपनी इस कला से नक्सली विचारधारा वाले लोगों के विचारों में परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कांकेर में ही करीब 200 बंदियों को शिल्पकला में पारंगत किया है, जो पहले नक्सली थे।
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के 102 वर्षीय सरिंदा वादक मंगाल कांति रॉय को कला के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। वह सरिंदा के जरिए पक्षियों की अनोखी आवाज निकालने के लिए प्रसिद्ध हैं। मंगला कांति रॉय पिछले आठ दशकों से प्रस्तुति के माध्यम से सरिंदा वाद्ययंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं।