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P20 Summit: पीएम मोदी ने पी-20 सम्मेलन का किया शुभारंभ, कहा- यह अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के द्वारका में स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में पी-20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया है. इस दौरान उन्होंने जी-20 सदस्य देशों के सभापतियों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि बहस और विचार-विमर्श के लिए संसद एक महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होंने कहा कि भारत […]

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P20 Summit: पीएम मोदी ने पी-20 सम्मेलन का किया शुभारंभ, कहा- यह अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ
  • October 13, 2023 12:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के द्वारका में स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में पी-20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया है. इस दौरान उन्होंने जी-20 सदस्य देशों के सभापतियों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि बहस और विचार-विमर्श के लिए संसद एक महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा पर पहुंचा. इसके साथ ही जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी की. फिर आज हम पी-20 सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि यह समिट एक तरह से पूरी दुनिया की अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है. यहां मौजूद सभी प्रतिनिधियों के पास अलग-अलग संसदीय कार्यशैली का अनुभव है. इतने समृद्ध लोकतांत्रिक अनुभवों के साथ आप सभी का भारत आना हमारे लिए काफी सुखद है.

लोकसभा स्पीकर ने ये कहा

वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि ये बहुत गौरव की बात है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 समिट में नई दिल्ली घोषणा पत्र को सर्वसम्मति से सभी ने स्वीकार किया. यह भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली वैश्विक दृष्टिकोण और प्रभावशाली नेतृत्व को दर्शाता है. इसके साथ ही ये वैश्विक चुनौतियों पर जी-20 देशों की एकजुटता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है.

लोकतंत्र अमूल्य विरासत है

स्पीकर बिरला ने पी-20 सम्मेलन में आगे कहा कि लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत है. यह हमारी जीवनशैली, आचार, विचार और व्यवहार में शामिल है. इसके साथ ही ये एक तरह से हमारी संस्कृति और संस्कार में भी आत्मसात है. लोकसभा स्पीकर ने कहा कि पी-20 शिखर सम्मेलन का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य है. भारत दुनिया को एक परिवार की तरह मानता है.

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