नई दिल्ली: ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल के पिता रमेश अग्रवाल की मौत के मामले में पुलिस की प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की बात को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इस हादसे में 20वीं मंजिल के जिस अपार्टमेंट की बालकनी से रमेश अग्रवाल नीचे गिरे हैं, उसकी रेलिंग साढ़े तीन फीट ऊंची बताई जा […]
नई दिल्ली: ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल के पिता रमेश अग्रवाल की मौत के मामले में पुलिस की प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की बात को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इस हादसे में 20वीं मंजिल के जिस अपार्टमेंट की बालकनी से रमेश अग्रवाल नीचे गिरे हैं, उसकी रेलिंग साढ़े तीन फीट ऊंची बताई जा रही है। जिससे यह समझा जा सकता है कि यहां से गिरना सिर्फ एक हादसा नहीं हो सकता। हालांकि पुलिस को किसी भी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है।
बता दें, गुरुग्राम के ओयो फाउंडर रितेश अग्रवाल के पिता रमेश अग्रवाल की शुक्रवार को दोपहर तकरीबन 1 बजे अपार्टमेंट की 20वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई। जिसमें इस हादसे को पुलिस ने आत्महत्या का अंदेशा जताते हुए पोस्टमार्टम कराकर शव परिवार वालो को सौंप दिया है। अब मामले की गंभीरतापूर्वक जांच हो रही है।
दरअसल रमेश अग्रवाल डीएलएफ फेज-4 में द क्रेस्ट कंडोमिनियम में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। वहीं पुलिस उपायुक्त (पूर्व) वीरेंद्र विज ने बताया कि पुलिस को शुक्रवार को जानकारी मिली कि एक व्यक्ति की 20वीं मंजिल से गिर गया है और उनकी मौत हो चुकी है.
जहां मरने वाले व्यक्ति की पहचान ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल के पिता रमेश अग्रवाल के रूप में हुई। इस हादसे के समय रितेश अग्रवाल, उनकी मां और उनकी पत्नी गीतांशा सूद फ्लैट में ही मौजूद थे। रितेश की हाल ही में 7 मार्च 2023 को गीतांशा सूद से साथ शादी हुई थी।
खबर के अनुसार, रितेश अग्रवाल अपने पिता के साथ इस अपार्टमेंट में नहीं रहते थे। दरअसल रितेश के पिता रमेश अग्रवाल सिम कार्ड बेचने की छोटी सी दुकान चलाया करते थे। बीते 7 मार्च की तारीख को रितेश अग्रवाल की शादी में देश-दुनिया की कई मशहूर हस्तियां शामिल हुई थीं।
इस हादसे को लेकर रितेश अग्रवाल ने अपने बयान में कहा है कि इस समय उनके परिवार की निजता का सम्मान किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा है कि भारी मन के साथ मैं यह साझा करना चाहता हूं कि हमारे मार्गदर्शक मेरे पिता रमेश अग्रवाल का 10 मार्च को निधन हो गया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन जिया और मुझे व हम सभी को काफी प्रेरित किया। रितेश ने साथ ही कहा कि- ‘मेरे पिता ने हमें हमारे सबसे कठिन वक़्त में आगे बढ़ाया। उनके शब्द हमारे दिलों में हमेशा गूंजते रहेंगे’।