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प्रयागराज: अपराधियों का तांडव, सामने आया उमेश पाल की हत्या का CCTV फुटेज

प्रयागराज: BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में बड़ा मोड़ आ गया है. अब इस हत्याकांड के इकलौते और मुख्य गवाह उमेश पाल पर बम और गोली से हमला कर उनकी ह्त्या कर दी गई है. साल 2005 के इस मामले ने शुक्रवार(24 फरवरी) को बड़ा मोड़ ले लिया है. इस दौरान सुरक्षा में […]

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प्रयागराज: अपराधियों का तांडव, सामने आया उमेश पाल की हत्या का CCTV फुटेज
  • February 24, 2023 9:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

प्रयागराज: BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में बड़ा मोड़ आ गया है. अब इस हत्याकांड के इकलौते और मुख्य गवाह उमेश पाल पर बम और गोली से हमला कर उनकी ह्त्या कर दी गई है. साल 2005 के इस मामले ने शुक्रवार(24 फरवरी) को बड़ा मोड़ ले लिया है. इस दौरान सुरक्षा में तैनात दो गनर पर भी हमला हुआ है जिसमें से एक की मौत हो गई है. सुरक्षाकर्मियों पर यह हमला प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में हुआ है जिसका सीसीटीवी भी सामने आया है.

सीसीटीवी में क्या?

इस पूरी घटना का एक CCTV फुटेज भी सामने आया है. इस फुटेज में देखा जा सकता है कि कैसे सुरक्षा में लगे दोनों सशस्त्र पुलिसकर्मी उमेश पाल को बचाने की पूरी कोशिश करते हैं. एक हमलावर को एसयूवी पर क्रूड बम फेंकते हुए भी देखा जा सकता है. इसके बाद दूसरा हमलावर उमेश पर अंधाधुंध गोलियां चला रहा है.

पुलिस का बयान

पुलिस ने बताया की शुक्रवार पांच से साढ़े पांच बजे के बीच उन्हें हमले की सूचना मिली थी. जहां उमेश पाल के ऊपर हमला हुआ था. जैसे ही पुलिस उनके घर पहुंची थी तो उन्होंने देखा कि उमेश पाल पर हमला हो चुका था. उमेश पाल को सुरक्षा के लिए दो गनर दिए गए थे जिनमें से एक इस घटना में अपनी जान गंवा बैठा. दूसरे गनर की हालत गंभीर है. बताया जा रहा है कि उमेश पाल अपने घर की ओर जा रहे थे. फिलहाल पुलिस उमेश पाल के परिजनों से बातचीत कर रही है और आस पास के और भी सीसीटीवी खंगाल रही है.

करीब दो दशक पुराना है मामला

बता दें, उत्तर प्रदेश में 2004 के आम चुनाव के समय फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हुई थी जिसपर उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया. लेकिन बसपा ने अतीक के सामने राजू पाल को खड़ा किया था. उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल की जीत हुई थी. लेकिन जीत दर्ज़ करने के कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हो गई थी. इसके अलावा दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस पूरे हत्याकांड में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था.

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