नई दिल्ली: सोमवार (12 जून) को सुप्रीम कोर्ट ने ओला, उबर और रैपिडो जैसी बाइक-टैक्सी सेवाओं को बड़ा झटका दिया है। जहां शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाते हुए निर्देश दिए हैं कि इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई पूरी की जाए.
दरअसल पॉलिसी आने तक हाई कोर्ट द्वारा बाइक टैक्सी को चलाने का आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस आदेश के बाद इसे फिर बंद कर दिया है. अब राष्ट्रीय राजधानी में ओला, उबर और रैपिडो की बाइक-टैक्सी सेवाएं तब तक नहीं मिलेंगी जब तक इस मामले में सुनवाई पूरी ना हो जाए.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उबर के वकील की ओर से दलील दी गई कि भारत के कई राज्यों में 2019 से ही दोपहिया वाहन का इस्तेमाल बतौर बाइक-टैक्सी सर्विस हो रहा है. उबर के वकील सुनवाई कर रही बेंच को बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दोपहिया वाहन के बतौर बाइक-टैक्सी सर्विस इस्तेमाल करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. अपनी दलील में उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसके अनुसार दोपहिया वाहन का उपयोग कमर्शियल यूज के लिए किया जा सकता है. इन सभी दलीलों पर कोर्ट ने पूछा कि बाइक टैक्सी चलाते समय किसी तरह का हादसा होता है तो क्या कोई इंश्योरेंस दिया जाएगा. जिसपर उबर के वकील ने कहा कि कंपनी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस देती है.
आगे ये भी बताया गया कि दिल्ली में 35 हजार से ज्यादा ड्राइवर हैं जो इन सर्विसेज पर निर्भर करते हैं. कई लोगों की आजीविका भी इसपर निर्भर है. उबर के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली सरकार की पिछले 4 सालों से कोई पालिसी सामने नहीं आई. जब तक इस पर पॉलिसी नहीं आती बाइक टैक्सी को चलाने की इजाजत दी जाए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद स्पष्ट किया है कि फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी में बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध ही रहेगा.
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