नई दिल्ली: साल 2019 में राहुल गांधी के विवादित भाषण को लेकर आज (23 मार्च) को उनपर कार्रवाई की गई. जहां लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम पर विवादित टिप्पणी की थी. इस मामले में उन्हें सूरत जिला कोर्ट ने दो साल की सजा भी सुनाई थी. हालांकि […]
नई दिल्ली: साल 2019 में राहुल गांधी के विवादित भाषण को लेकर आज (23 मार्च) को उनपर कार्रवाई की गई. जहां लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम पर विवादित टिप्पणी की थी. इस मामले में उन्हें सूरत जिला कोर्ट ने दो साल की सजा भी सुनाई थी. हालांकि उन्हें सजा सुनाने के दिन ही जमानत भी दे दी गई है. लेकिन चार साल पहले दिया गया ये बयान इस समय उनकी सांसदी और राजनीतिक करियर पर खतरे की तरह मंडरा रहा है.
गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गाँधी को दो साल की सजा सुनाते हुए दोषी करार दिया है. ये दो साल की सजा उनकी लोकसभा सदस्य पर संकट खड़े कर रही है. बता दें, अदालत से राहत नहीं मिलने पर राहुल गाँधी को अपनी सदस्यता भी गंवानी पड़ सकती है. दरअसल , जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार यदि किसी भी सांसद या विधायक को किसी मामले में कोर्ट से दो साल से अधिक की सजा मिलती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक वह कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता है. आने वाले समय में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव है इसके अलावा लोकसभा चुनाव भी अगले साल कतार में खड़े हुए हैं. ऐसे में राहुल गांधी के लिए दो सालों की बड़ी सजा मुसीबत बन सकती है.
बता दें, राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समाज का अपमान करते हुए इन्हें चोर कहा था। जिसके बाद बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। गुजरात की सूरत कोर्ट ने चार साल पुराने इस मामले में गुरुवार को राहुल को दोषी ठहरा दिया है।
वहीं राहुल गांधी कोर्ट के सामने पेश हुए इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैंने जो कहा था उसका कोई गलत इरादा नहीं था। बल्कि इस बयान को एक राजनेता के तौर पर देखा जाना चाहिए। मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं। वहीं सजा सुनाए जाने से पहले राहुल गांधी के वकील ने जज से अपील की कि उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा हैं। ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए।
जबकि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में राहुल गांधी को अधिकतम सजा और जुर्माना देने की मांग की है। राहुल गांधी के वकील ने कहा कि मामले पर दो साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा कोर्ट से उन्हें 30 दिन की जमानत भी मिल गई है। वह इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जा सकते हैं।
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