नई दिल्ली: इस समय पूरा उत्तर भारत कुदरती कहर की चपेट में है जहां उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश बाढ़ में डूब गए हैं. दिल्ली की बात करें तो यहां भी हालत बेकाबू होते दिखाई दे रहे हैं जहां यमुना नदी का पानी खतरे के लेवल से काफी ऊपर जा चुका है. लेकिन खतरे की ये घंटी […]
नई दिल्ली: इस समय पूरा उत्तर भारत कुदरती कहर की चपेट में है जहां उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश बाढ़ में डूब गए हैं. दिल्ली की बात करें तो यहां भी हालत बेकाबू होते दिखाई दे रहे हैं जहां यमुना नदी का पानी खतरे के लेवल से काफी ऊपर जा चुका है. लेकिन खतरे की ये घंटी ना केवल दिल्लीवासियों के लिए बजी है बल्कि इसमें राजधानी से सटे गाज़ियाबाद, नोएडा और लोनी इलाकों पर ख़तरा गहरा गया है.
हरियाणा के हथिनीकुंड का पानी ना केवल दिल्लीवासियों को परेशान कर रहा है बल्कि गाज़ियाबाद में रहने वाले लोगों को ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोनी और नोएडा का भी वही हाल है जहां पानी अब लोगों के घरों तक पहुंच गया है. पानी का प्रेशर लोनी इलाके के अलीबाग बांध पर इस कदर बढ़ गया है कि बांध पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है. इसके बाद लोनी के तकरीबन एक दर्जन गांव जलमग्न हो चुके हैं. हालांकि गाजियाबाद प्रशासन एवं बागपत प्रशासन एहतियात के तौर पर दोनों ओर से राहत कार्य शुरू कर चुके हैं.
Rising water level of River Yamuna | 23,692 people have been evacuated today. 21,092 people are living in tents/shelters. 12 Teams of NDRF have rescued 1,022 people: Delhi Govt
— ANI (@ANI) July 13, 2023
एहतियात के तौर पर जेसीबी मशीन भी लगा दी गई हैं जहां जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य करने के उपाय पर काम करना शुरू कर दिया गया है. इसके बाद भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसे देखते हुए NDRF की टीमें भी मौके पर पहुंच रही हैं. आस पास के गांवों को खाली करवाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं दिल्ली सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी है कि यमुना का जल स्तर बढ़ने पर प्रभावित होने वाले 23,692 लोगों को बाहर निकाला गया है. 21,092 लोग तंबू/आश्रयों में रह रहे हैं. दूसरी ओर गुरुवार को एनडीआरएफ की 12 टीमों ने 1,022 लोगों को बचाया है. बता दें, दिल्ली के सरकारी दफ्तरों से लेकर सीएम कार्यालय तक पानी पहुंच चुका है. राजधानी के आईटीओ स्थित दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) कार्यालय तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है.