नई दिल्ली: मणिपुर मामले पर संसद में जारी गतिरोध के बीच इसी साल बना विपक्षी दलों का गठबंधन यानी I.N.D.I.A.मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है. ये प्रस्ताव संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को यानी आज लाया जाएगा. इसका उद्देश्य मोदी सरकार को मणिपुर मामले में लंबी चर्चा के लिए घेरना और प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर में हुई हिंसा के लिए जवाबदेह ठहराना होगा.
दूसरी ओर मोदी सरकार संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन से कह रही है कि वह मणिपुर समेत किसी भी मामले को लेकर चर्चा के लिए तैयार है. हालांकि पिछले काफी दिनों से संसद खासकर लोकसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ती नज़र आ रही है. आज संसद की कार्यवाही का पांचवा दिन है जहां संभावना है कि विपक्ष द्वारा लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है. इसी क्रम में कांग्रेस के असम की कलियाबोर सीट से सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है. ये प्रस्ताव लोकसभा महासचिव को भेजा गया है। जानकारी के लिए बता दें, विपक्ष की ओर से गौरव ही लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।
गौरतलब है कि नियम 198 के तहत अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा में पेश करने के लिए करीब 50 विपक्षी सांसदों का समर्थन होना जरूरी है. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में एक अहम कदम माना जाता है. यदि संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है और 51 प्रतिशद सांसद इसके पक्ष में मतदान कर देते हैं तो ये पारित हो जाता है. ऐसे में सत्ता पक्ष बहुमत खो देता है और मौजूदा सरकार गिर जाती है. बहुमत खो देने पर सरकार को इस्तीफा देना होगा या वह संसद में विश्वास मत लाकर अपना बहुमत साबित करे.
बता दें, अपने लोकसभा सांसदों को कांग्रेस ने तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. इस व्हिप में लिखा है, ‘कांग्रेस पार्लियामेंट्री कमेटी के सभी कांग्रेस लोकसभा सांसदों से अनुरोध है कि वे बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे तक संसद भवन स्थित सीपीपी कार्यालय में उपस्थित हों.’ जानकारी के अनुसार वरिष्ठ कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के कंधों पर प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौपी गई है.
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