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नीतीश के मेन फ्रंट में 4 PM मैटेरियल लेकिन अपने दम पर 50 सीट भी जितना मुश्किल

पटना. बिहार से लेकर दिल्ली तक नीतीश कुमार एक ही बात हर जगह दोहरा रहे हैं कि वह पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं लेकिन उनकी सारी कवायद उसी दिशा में होती दिख रही है. दरअसल, पटना में उनकी पार्टी जद (यू) के होर्डिंग में भी यही बात कही जा रही है, पार्टी के पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगे पोस्टर में बड़े-बड़े शब्दों में लिखा है कि ‘प्रदेश में दिखा अब देश में दिखेगा’, अब इस पोस्टर से तो जाहिर है नीतीश कुमार चाहे पीएम पद के सवाल पर प्रेस कांफ्रेंस में कुर्सी छोड़ दें, उठ कर चले जाए लेकिन इरादा तो यही है. और इसीलिए वह विपक्ष के सभी नेताओं से मिल भी हैं. बुधवार को शरद पवार के साथ मुलाकात के बाद उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि वह कोई तीसरा मोर्च बनाने की कवायद नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह मेन फ्रंट बनने की कवायद कर रहे हैं.

कैसा होगा नीतीश का मेन फ्रंट

नीतीश कुमार ने बुधवार को एक बार फिर मेन फ्रंट की बात दोहराई है, इससे पहले वह पटना में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से मिलने के बाद भी मेन फ्रंट बनाने की बात कह चुके हैं. उन्होंने कहा है कि मेन फ्रंट के नीचे सभी पार्टी काम करेगी और इसके लिए सभी विपक्षी दल साथ आने को तैयार हैं. यानी उनके फ्रंट में कांग्रेस भी होगी, ममता बनर्जी भी होंगी, शरद पवार, केसीआर और अरविंद केजरीवाल भी होंगे और अब अगर नीतीश कुमार के दावों को सही मान लिया जाए तो कांग्रेस को छोड़ने के बाद भी उनके मेन फ्रंट में 3-4 पीएम पद के उम्मीदवार होंगे.

मेन फ्रंट में कौन है पीएम पद का दावेदार

  • अगर पीएम पद के उम्मीदवार की बात की जाए तो कम से कम तीन दलों ने अपने नेताओं के लिए खुलकर यह बात करनी शुरू कर दी हैं, इसमें सबसे पहला नाम खुद नीतीश कुमार का आता है, जो भले स्वीकार नहीं करते हैं लेकिन उनके पार्टी के नेता और सहयोगी दल यहाँ तक की आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव भी उन्हें पीएम मटेरियल बता चुके हैं.
  • नीतीश कुमार के अलावा दूसरा बड़ा नाम ममता बनर्जी का है, जो नीतीश कुमार की तरह ही इस साल हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के पहले सोनिया गांधी से लेकर शरद पवार के साथ मिलकर विपक्षी एकता की कवायद कर चुकी हैं, उनकी पार्टी के नेता भी उन्हें पीएम मैटेरियल कहते है, वहीं ममता ने खुद भी कहा था कि 2024 की दिल्ली की लड़ाई उनकी आखिरी लड़ाई है.
  • इसी क्रम में तीसरा नाम आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का है, जो इस समय सीधे भाजपा से टक्कर ले रहे हैं. पंजाब में जीत के बाद उनकी पार्टी के नेता भी अरविंद केजरीवाल को पीएम मैटेरियल बताने लगे हैं.
  • इनके अलावा शरद पवार की दबी इच्छा भी किसी से छिपी नहीं है, समय-समय पर उनके पार्टी के नेता भी यह बाते उठाते रहे हैं, और उन्हें यूपीएम का अध्यक्ष बनाने की भी मांग करते रहे हैं.

 

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Aanchal Pandey

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