नई दिल्ली, आज नीति आयोग की बैठक हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया, ये बैठक सुबह से लेकर शाम तक चली. नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर ने […]
नई दिल्ली, आज नीति आयोग की बैठक हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया, ये बैठक सुबह से लेकर शाम तक चली. नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर ने कहा कि नीति आयोग की सातवीं परिषद की बैठक में बहुत ही उपयोगी बातचीत हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री और उप राज्यपालों ने अपने राज्यों के विकास कार्यों के बारे में बताया. वहीं, पीएम मोदी ने नीति आयोग की इस बैठक में 2047 के लिए भारत के लक्ष्य के बारे में भी बात की.
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि विविधीकरण के महत्व और विशेष रूप से खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता के बारे में बात की. नीति आयोग के रमेश चंद ने कहा कि हम आयात से खाद्य तेल की अपनी कुल मांग का लगभग आधा हिस्सा पूरा कर रहे हैं, कुल मिलाकर इस दिशा में राज्यों से सहयोग मिला है और इस पहलू पर हम काम भी कर रहे हैं. इस बैठक में NEP 2020, G20 और निर्यात के महत्व पर खास चर्चा हुई.
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कोविड के बाद की स्थिति के साथ ही आगे की रणनीति पर चर्चा की और निर्देश भी जारी किए. बेरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल के दौरान केंद्र और राज्यों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर निर्णय लेने के तरीके पर ध्यान दिया. भारत का संघीय ढांचा और सहकारी संघवाद कोविड संकट के दौरान दुनिया के लिए एक रोल मॉडल के रूप में उभरा है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि NEP पर एक मजबूत सहमति बनी है, लगभग सभी मुख्यमंत्रियों ने एक के बाद एक इस संबंध में अपने द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया है. अलग-अलग राज्यों में कई प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, वास्तव में यह आने वाले समय में परिवर्तनकारी होगा. नीति आयोग के रमेश चंद ने कहा कि पिछले 5-6 सालों के आंकड़ों में दालों के उत्पादन में वृद्धि में तेजी से प्रगति दिखी है. हम कुछ दालों का निर्यात और आयात भी कर रहे हैं. हमारे पास केवल मसूर और अरहर की दालों में कमी है अब हम अन्य दालों के मामले में आत्मनिर्भरता के बहुत करीब हैं.