भूकंप: नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल में बीती रात काफी दहशत भरी रही। रात करीब 2 बजे आए भूंकप ने नेपाल के साथ ही उत्तर भारत के 6 राज्यों को हिलाकर रख दिया। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता को 6.3 मापा गया। भूकंप के झटके 1 मिनट तक रूक-रूक कर लगते रहे, जिससे लोगों […]
नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल में बीती रात काफी दहशत भरी रही। रात करीब 2 बजे आए भूंकप ने नेपाल के साथ ही उत्तर भारत के 6 राज्यों को हिलाकर रख दिया। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता को 6.3 मापा गया। भूकंप के झटके 1 मिनट तक रूक-रूक कर लगते रहे, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार देर रात आए इस भूकंप का केंद्र नेपाल के कालूखेती में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थे। भूकंप के तेज झटकों की वजह से नेपाल में एक घर गिर गया, जिसमें दबकर 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं, भारत में इससे किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
बता दें कि नेपाल में भूकंप से तबाही का पुराना इतिहास रहा है। पिछले लगभग 100 सालों में भूकंप 20 हजार से ज्यादा नेपाली लोगों की जान ले चुका है। हालिया वर्षों की बात करें तो 25 अप्रैल 2015 को दोपहर करीब 12 बजे नेपाल में 7.8 की तीव्रता वाला विनाशकारी भूकंप आया था। इसमें 9 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, वहीं 23 हजार से ज्यादा घायल हुए थे। इसका केंद्र लामजुंग नामक स्थान था।
इससे पहले 1934 में नेपाल और उत्तर भारत में 8.0 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें करीब 11 हजार लोगों की मौत हुई थी।
भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप आने की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके साथ ही उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग के कारण भी भूंकप आता है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। अगर स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता होती है तो इसे हल्का भूकंप माना जाता है, वहीं तीव्रता 6 से अधिक होती हे तो इसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है।
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